Budget 2025 Facts : 2 दिन बाद नए वित्तवर्ष का बजट पेश कर दिया जाएगा. बजट के आने से पहले कुछ आंकड़े पेश कर रहे हैं, जो आपको बजट वाले दिन इसे समझना आसान बना देंगे. इन आंकड़ों से अर्थव्यवस्था की सही तस्वीर दिखेगी और यह भी अनुमान लगाना आसान होगा कि सरकार किन क्षेत्रों पर पैसे खर्च करने जा रही है.
ये भी पढ़ें:-UP Gold Silver Price Today: सोने की कीमत में फिर उछाल, चांदी 96000 के पार, यहां चेक करें ताजा रेट
नई दिल्ली. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपना लगातार 8वां बजट पेश करेंगी और सभी की निगाहें मध्यम वर्ग को मिलने वाली बहुप्रतीक्षित टैक्स राहत पर होंगी. सीतारमण ने साल 2019 में अपना पहला बजट पेश करते हुए बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए दशकों से इस्तेमाल किए जा रहे चमड़े के ब्रीफकेस को लाल कपड़े में लिपटे पारंपरिक ‘बही-खाता’ से बदल दिया था. इस साल का बजट पिछले तीन वर्षों की तरह डिजिटल रूप में ही जारी किया जाएगा.
ये भी पढ़ें:-Mahakumbh 2025: प्रयागराज की फ्लाइट हुई महंगी तो एक्शन में आई सरकार, IndiGo ने किराया 50% तक घटाया
बजट के आने से पहले ही यहां कुछ आंकड़े पेश किए जा रहे हैं, जो 1 फरवरी को आने वाले बजट को समझना आसान कर देंगे. इन आंकड़ों पर नजर डालते ही आपको अर्थव्यवस्था की सारी तस्वीर साफ हो जाएगी. भारतीय इकनॉमी को आगे ले जाने के लिए इस बार के बजट में किन चीजों पर फोकस किया जाना चाहिए, इसका अंदाजा भी आपको इन आंकड़ों से हो जाएगा.
बजट 2025 के खास तथ्य
राजकोषीय घाटा : चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वित्तवर्ष 2025-26 के बजट में घाटे के आंकड़ों पर बाजार की पैनी नजर रहेगी.
पूंजीगत व्यय : चालू वित्तवर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये है. हालांकि, लोकसभा चुनावों के कारण पहले चार महीनों में सरकारी खर्च धीमा रहा, जिससे पूंजीगत व्यय चक्र में देरी हुई और चालू वित्तवर्ष के लिए अंतिम आंकड़े कम रहने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में भी पूंजीगत व्यय की रफ्तार जारी रहने का अनुमान लगाया जा रहा.
ये भी पढ़ें:-भारत-रूस की दोस्ती के बीच आ गया अमेरिका! बंद करनी पड़ी कच्चे तेल की खरीद, कहीं हमको महंगा न पड़े
कर्ज की स्थिति : वित्तमंत्री ने अपने 2024-25 के बजट भाषण में कहा था कि 2026-27 से आगे राजकोषीय घाटे को जीडीपी के प्रतिशत के रूप में लगातार कम किया जाएगा. इस बार बाजार की ऋण समेकन मसौदे पर नजर रहेगी. वर्ष 2024 में सामान्य सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात 85 प्रतिशत था, जिसमें केंद्र सरकार का ऋण 57 प्रतिशत है.
उधार : वित्तवर्ष 2024-25 में सरकार का सकल उधार बजट 14.01 लाख करोड़ रुपये था. सरकार अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई करने के लिए बाजार से उधार लेती है. उधारी संख्या पर बाजार की नजर रहेगी.
ये भी पढ़ें:-8th Pay Commission: समझिए फिटमेंट फैक्टर का सही-सही कैलकुलेशन, इस हिसाब से ज्यादा नहीं बढ़ेगा वेतन
टैक्स राजस्व : 2024-25 के बजट में सकल कर राजस्व 38.40 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, जो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 11.72 प्रतिशत अधिक है. इसमें प्रत्यक्ष करों से 22.07 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष करों से 16.33 लाख करोड़ रुपये का राजस्व शामिल है.
जीएसटी : 2024-25 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 11 प्रतिशत बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2025-26 के जीएसटी राजस्व अनुमानों पर नजर रखी जाएगी, क्योंकि चालूवित्त वर्ष में पिछले तीन महीनों में राजस्व वृद्धि धीमी रही है.
ये भी पढ़ें:-मोबिक्विक और क्रेड वाले भी ले आए ‘ई-रुपया’, कागजी नोट से कितनी अलग ये डिजिटल मुद्रा, जानिए
चालू कीमतों पर जीडीपी: वित्तवर्ष 2024-25 में भारत की चालू कीमतों पर जीडीपी वृद्धि (वास्तविक जीडीपी और मुद्रास्फीति का जोड़) 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.4 प्रतिशत रह सकती है. इसके अलावा सरकार को आरबीआई तथा वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से मिलने वाले लाभांश तथा विनिवेश से होने वाली आय पर भी बाजार की नजर रहेगी.