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दिल्‍ली-NCR में आज होगी बारिश, होली पर UP-राजस्‍थान सहित 5 राज्‍यों में कैसा रहेगा मौसम? IMD का अपडेट

Holi Mausam Ka Hal: होली के मौके पर दिल्‍ली-एनसीआर सहित उत्‍तर भारत में बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने बताया कि 13 से 15 मार्च तक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेगा, जिससे तापमान में कमी आएगी. पंजाब, यूपी सहित राजस्‍थान और हरियाणा में भी इसका असर देखने को मिलेगा.

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नई दिल्‍ली. होली का त्‍यौहार वैसे तो आज से ही शुरू हो गया है लेकिन देश भर में खेलने वाली होली कल यानी शुक्रवार को मनाई जाएगी. होली के मौके पर मौसम का मिजाज कैसा रहेगा, इसपर मौसम विभाग की तरफ से बड़ा अपडेट दिया गया है. दिल्‍ली-एनसीआर सहित उत्‍तर भारत में आज बारिश की संभावना जताई गई है. बताया जा रहा है कि शुक्रवार को भी पंजाब, हरियाणा, राजस्‍थान और पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के क्षेत्रों में बारिश हो सकती है. इस वक्‍त एक पश्चिमी विक्षोभ पूरे उत्‍तर भारत पर सक्रिय है, जिसके कारण जम्‍मू-कश्‍मीर सहित हिमाचल प्रदेश और उत्‍तराखंड में भी हल्‍की बर्फबारी की आशंका जताई जा रही है.

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मार्च के महीने में यूं तो सर्दियों की पूरी तरह से विदाई हो ही जाती है लेकिन इस बार महीने के दूसरे सप्‍ताह के दौरान ही गर्मी ने बड़ी तेजी से दस्‍तक दे दी है. ऐसे में हर किसी को बारिश का इंतजार था. मौसम विभाग के मुताबिक इस वेस्‍टर्न डिस्‍टर्बेंस का असर पूरे उत्‍तर भारत में 13 से 15 मार्च के बीच रहेगा. इस दौरान झमाझम बारिश से तापमान में तेजी से हो रही बढ़ोतरी से कुछ हद तक निजात मिलने की उम्‍मीद है. हालांकि बताया जा रहा है कि 16 मार्च के बाद तापमान एक बार फिर तेजी से बढ़ेगा, जिसके बाद अगले सप्‍ताह भर में गर्मियों की पूरी तरह से दस्‍तक देने की आशंका जताई जा रही है.

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मार्च में भी पश्चिमी विक्षोभ का असर
मौसम से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखने वाली एजेंसी स्‍कॉयमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार आमतौर पर मार्च के महीने में वेस्‍टर्न डिस्‍टर्बेंस का असर पूरे देश में कम हो जाता है लेकिन इस बार भूमध्‍य सागर की तरफ से आने वाली चक्रवाती परिसंचरण लगातार भारत की मौसम प्रणाली पर असर डाल रही हैं। पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी ईरान और आस-पास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 3.1 से 9.6 किलोमीटर ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जा रहा है. दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और आस-पास के क्षेत्रों में एक चक्रवाती परिसंचरण है. उधर, तमिलनाडु तट से दूर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में एक गर्त समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है.

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