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EPFO ने बनाया रिकॉर्ड, मेंबर्स को दिए 2 लाख करोड़ रुपये, निपटाए अब तक के सबसे ज्यादा दावे

ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2024-25 में 5.08 करोड़ दावों का निपटारा कर 2.05 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. प्रोसेस को आसान बनाने और ऑटोमेटिक क्लेम सेटलमेंट से यह संभव हुआ.

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नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने गुरुवार को बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक रिकॉर्ड 5 करोड़ से ज्यादा दावों को निपटाया गया है. यह सरकारी एजेंसी की ओर से निपटाए गए दावों का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. ईपीएफओ के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में 5.08 करोड़ दावों को निपटाया जा चुका है. इसके तहत कुल 2.05 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 4.45 करोड़ दावे निपटाए गए थे और कुल 1.82 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि का भुगतान किया गया था.

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ईपीएफओ द्वारा चालू वित्त वर्ष में रिकॉर्ड दावे निपटाने की वजह सुधार लागू करना और प्रोसेस को आसान बनाना है. ईपीएफओ द्वारा खुद से दावा निपटाने की सीमा और श्रेणी को बढ़ाया गया है. ऑटोमेटिक क्लेम सेटलमेंट के तहत भुगतान तीन दिनों के अंदर हो जाता है. इस वित्त वर्ष में ऐसे दावों की संख्या दोगुनी होकर 1.87 करोड़ हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 89.52 लाख थी.

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प्रोसेस को सिंपल किया गया
इसके अलावा सदस्यों को प्रोफाइल सेल्फ करेक्शन की सुविधा दी गई है. वहीं, प्रोविडेंट फंड (पीएफ) ट्रांसफर को आसान बनाया गया है और अब इसमें नियोक्ता की मंजूरी की कम आवश्यकता होती है. पीएफ ट्रांसफर प्रोसेस को सरल बनाने से अब बिना नियोक्ता की मंजूरी के 48 प्रतिशत दावे सीधे ईपीएफओ के पास भेजे जाते हैं. वहीं, 44 प्रतिशत पीएफ ट्रांसफर ऑटोमेटिक सिस्टम द्वारा किया जा रहा है. केवल 8 प्रतिशत मामलों में ही नियोक्ता की आवश्यकता पड़ती है.

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ईपीएफओ द्वारा सदस्यों को प्रोफाइल सेल्फ करेक्शन की सुविधा देने से 97.18 प्रतिशत कनेक्शन स्वयं सदस्य द्वारा एप्रूव किए जा रहे हैं. केवल एक प्रतिशत मामलों में ही नियोक्ता की आवश्यकता होती है. केवल 0.4 प्रतिशत मामलों में ईपीएफओ के अधिकारियों की मंजूरी की जरूरत होती है. ईपीएफओ के अनुसार, अस्वीकार किए जाने वाले दावों में भारी गिरावट देखने को मिली है और केवल 0.21 प्रतिशत दावों को ही अस्वीकार किया जा रहा है.

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