भुवनेश्वर, एएनआइ। गणेश चतुर्थी के लिए कारीगर दिन रात विध्नहर्ता गणपति की सुंदर प्रतिमायें बनाने में जुटे हुए हैं। भुवनेश्वर में भगवान गणेश की मूर्ति बनाने वाले कारीगरों को उम्मीद है कि इस साल खरीदारों की संख्या पिछले वर्ष से काफी बेहतर रहेगी। एएनआई से बात करते हुए एक कलाकार ने बताया कि कोविड महामारी के कारण बीते दो वर्षो से हमारा काम बिलकुल ठप पड़ा था। ग्राहक के न आने से हमें काफी ज्यादा नुकसान हुआ है।
कोविड गाइडलाइन के अनुसार गणेश चतुर्थी के लिए हम इस साल चार फीट से कम के सीमित आकार के साथ गणेश प्रतिमाएं बना रहे हैं। यहां 100 मूर्तियों को तैयार करने के लिए करीब 20-22 कलाकार काम कर रहे हैं। हमारे यहां मूर्तियों की शुरुआती कीमत 4,000 रुपये से लेकर 18,000 रुपये तक है। पहले हम त्योहारों के अवसर पर 200-250 मूर्तियां बनाते थे, लेकिन महामारी की स्थिति के कारण अब मात्र 100 मूर्तियां ही बना पा रहे थे।” कलाकार कुमार ने आगे कहा, “गणेश चतुर्थी कोविड -19 दिशानिर्देशों में ढील के बाद पहला अवसर है, जब कई संस्थानों ने स्कूल, सरकारी व निजी संस्थानों और अन्य सेवाओं को फिर से शुरू किया गया है।
आज तक हमें यहां करीब 30-35 मूर्तियों के ऑर्डर मिल चुके हैं। मुझे उम्मीद है कि इस साल कारोबार फिर से पटरी पर आ जाएगा।” कुमार ने कहा, “लोग भगवान शिव- देवी पार्वती और परिवार संग गणेश की मूर्तियों की मांग करते हैं, क्योंकि कोविड -19 लोगों को परिवार के सदस्यों के साथ घर में रहना सिखाता है, न कि घर से अनावश्यक बाहर निकलने के लिए ।” कोलकाता से आये एक कलाकार ने कहा, “साल में एक बार में त्योहारों पर मूर्ति बनाने के लिए चार महीने के लिए भुवनेश्वर आता हूं लेकिन कोरोना महामारी के कारण पिछले दो साल काफी मुश्किल से गुजरे हैं।
मूर्ति बनाने के अलावा हमारे पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है। कारोबार में काफी नुकसान हुआ है, मुझे किसी भी तरह की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। मुझे लगता है कि इस साल सभी मूर्तियां बिक जाएंगी और पूरी रकम उन्हें मालिक से मिल जाएगी।” इस बीच, भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने गुरुवार को एक अधिसूचना जारी कर दी है कि गणेश की मूर्तियों का आकार चार फीट से कम होना चाहिए।
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