प्रदेश में राशन कार्ड उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी अब अंतिम दौर में है। अब तक प्रदेश भर के छह जिलों में 99 प्रतिशत तक उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी हो चुकी है।
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हिमाचल प्रदेश में राशन कार्ड उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी अब अंतिम दौर में है। अब तक प्रदेश भर के छह जिलों में 99 प्रतिशत तक उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी हो चुकी है। जबकि पांच जिलों में ई-केवाईसी प्रतिशत 97 के पार हो चुकी है। एक ही जिला ऐसा है जहां ई-केवाईसी 97 प्रतिशत तक पहुंची है। हालांकि, यह आंकड़े अब लगभग फाइनल हैं। सरकार की ओर से पांच साल से कम बच्चों को ई-केवाईसी के लिए छूट दे रखी है। इन बच्चों को छोड़कर प्रदेश में ई-केवाईसी की प्रतिशत 98.26 पहुंच गई है।
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किन्नौर और शिमला में 99.43, कुल्लू 99.09, मंडी 99.03, सिरमौर 99.71 और सोलन में 99.81 प्रतिशत ई-केवाईसी हो चुकी है। जबकि बिलासपुर में 97.72, चंबा और कांगड़ा 97.70, लाहौल स्पीति 97.65 और ऊना 97.02 प्रतिशत ई-केवाईसी हुई है। हमीरपुर में भी 96.86 प्रतिशत ई-केवाईसी हुई है। सरकार की ओर से पात्रों तक राशन पहुंचाने के लिए ई-केवाईसी का कार्य शुरू किया था जो अब लगभग पूरा होता आ रहा है। इससे राशन वितरण में पूरी तरह पारदर्शित आएगी। डिपुओं तक उतना ही राशन पहुंचेगा, जितना राशन कार्ड में पारिवारिक सदस्य दर्ज है।
पूर्व में ब्लॉक किए राशन कार्ड हुए अनब्लॉक
कार्यवाहक जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक पुरूषोत्तम सिंह ने बताया कि ई-केवाईसी की प्रतिशत अब काफी बढ़ गई है। निर्धारित लक्ष्य के तहत पहुंच चुके हैं। अब सिर्फ पांच साल से कम आयु वाले बच्चे हैं। पूर्व में ब्लॉक किए गए राशन काडों को सरकार के निर्देश मिलने के बाद अनब्लाॅक कर दिया गया है।
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कैसे बढ़ा कम समय में प्रतिशत
पिछले करीब तीन चार माह के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं प्रदेश भर में ई-केवाईसी का आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ रहा था। ऐसे में ई-केवाईसी 100 प्रतिशत होने के लिए काफी समय लग रहा था। सरकार की ओर से ई-केवाईसी की प्रतिशत बढ़ाने के लिए राशन कार्डों को ब्लॉक करने की योजना बनाई। यह योजना सरकार की इतनी कामयाब हो गई कि मात्र दो माह में ही यह प्रतिशत लक्ष्य तक पहुंच गया।
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