Holika Dahan 2025 Time: इस बार होलिका दहन पर 13 घंटे तक भद्रा का साया रहने वाला है. ऐसे में लोग होलिका दहन के शुभ मुहूर्त को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं. चलिए जानते हैं कि इस बार होलिका दहन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त क्या है.
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Holika Dahan 2025 Time Shubh Muhurat: चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से भारतीय नव संवत्सर शुरू होता है. इससे पहले पुराने संवत्सर को विदाई देने और इसकी नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए होलिका हदन किया जाता है. होलिका दहन को कहीं-कहीं पर संवत जलाना भी कहा जाता है. बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी होलिका दहन मनाया जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 13 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा और अगले दिन 14 मार्च को रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा. इस बार होलिका दहन पर भद्रा का संयोग भी बनने वाला है. ऐसे में लोग छोटी होली पर होलिका दहन के मुहूर्त को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं.
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कब से कब तक रहेगा भद्रा का साया?
वैदिक पंचांग के अनुसार, होलिका दबन के दिन भद्रा का साया सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा और रात 11 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. यानी दहन पर करीब 13 घंटे भद्रा का साया रहेगा. ज्योतिषियों के अनुसार, भद्रा का साया खत्म होने के बाद ही होलिका दहन किया जाएगा.
होलिका दहन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त
छोटी होली वाले दिन यानी 13 मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा. ऐसे में इस शुभ मुहूर्त में होलिका दहन करना उचित होगा.
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कैसे करें होलिका दहन?
परंपरा के अनुसार, होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त के समय लकड़ी, कंडे और उपले जलाए जाते हैं. इसके बाद होलिका की अग्नि में गेंहू जैसे अनाज के नए दाने डाले जाते हैं. इसके साथ ही इसमें नवग्रह की लकड़िया डाली जाती है. इसके बाद विधि-विधान से होलिका की परिक्रमा की जाती है और दौरान होलिका की लकड़ियों को कच्चे सूत बांधे जाते हैं. कहते हैं कि होलिका दहन पर लकड़ी की राख को घर में लाकर उससे तिलक करने की परंपरा भी है. इस प्रकार होलिका दहन की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. )
