Tata Capital IPO News : टाटा समूह की एक और कंपनी टाटा कैपिटल के आईपीओ को बोर्ड से हरी झंडी मिल चुकी है. समूह ने बताया है कि यह आईपीओ करीब 15 हजार करोड़ रुपये का होगा.
नई दिल्ली. लंबे समय से चल रहे टाटा समूह की एक और कंपनी के आईपीओ का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया. टाटा कैपिटल ने 25 फरवरी को कहा कि उसने प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की योजना को मंजूरी दे दी है. इस आईपीओ में 23 करोड़ नए इक्विटी शेयरों के साथ मौजूदा शेयरधारकों द्वारा बिक्री की पेशकश शामिल होगी. कंपनी ने फिलहाल इसकी कोई तारीख तो नहीं बताई है, लेकिन जल्द ही आईपीओ पेश करने की डेट घोषित की जा सकती है.
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बोर्ड ने कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों को राइट्स के आधार पर 15,004 करोड़ रुपये तक के शेयर जारी करने का फैसला किया है. खास बात यह है कि यह आईपीओ 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज की बंपर लिस्टिंग के बाद टाटा ग्रुप की ओर से आने वाला पहला आईपीओ होगा. मनीकंट्रोल ने 24 दिसंबर को ही रिपोर्ट किया था कि टाटा कैपिटल ने 15,000 करोड़ रुपये से अधिक के मेगा आईपीओ पर काम शुरू कर दिया है, जो प्राइमरी और सेकंडरी शेयर जारी करने का संयोजन होगा. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि कंपनी ने सलाहकारों के रूप में सिरिल अमरचंद मंगलदास और कोटक महिंद्रा कैपिटल को शामिल किया है.
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आरबीआई के नियमों का होगा पालन
टाटा ग्रुप का यह कदम आरबीआई की अनिवार्य आवश्यकता के अनुरूप है, जिसमें ‘अपर लेयर’ एनबीएफसी को अधिसूचित होने के तीन साल के भीतर यानी सितंबर 2025 तक सूचीबद्ध होना है. टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज, जो जनवरी 2024 में टाटा कैपिटल के साथ विलय हो गई थी, नियामक की सूची में शामिल है. जाहिर है कि इसे सितंबर तक आईपीओ लाना ही पड़ेगा.
कितना है कंपनी का एयूएम
क्रिसिल रेटिंग्स की सितंबर रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक कंपनी का AUM (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) 1,58,479 करोड़ रुपये था. 31 मार्च 2024 तक टाटा संस के पास टाटा कैपिटल लिमिटेड के 92.83 प्रतिशत इक्विटी शेयर थे, जबकि बाकी हिस्सेदारी अन्य टाटा समूह की कंपनियों और ट्रस्टों के पास थी. टाटा कैपिटल एक गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा (NBFC) कंपनी है और यह टाटा संस की प्रमुख निवेश होल्डिंग कंपनी की सहायक कंपनी है.
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टाटा संस ने खूब लगाया पैसा
टाटा संस ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों में टाटा कैपिटल लिमिटेड में 6,097 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया है. इसमें वित्तीय वर्ष 2019 में 2,500 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2020 में 1,000 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2023 में 594 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2024 में 2,003 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है. इससे समूह की ऋण व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करने की मंशा स्पष्ट होती है. बजाज हाउसिंग फाइनेंस, जो आरबीआई की ‘अपर लेयर’ सूची में शामिल एक और कंपनी है. इसने भी 16 सितंबर को बाजार में कदम रखा और शानदार शुरुआत की. ट्रेडिंग सत्र के अंत में आईपीओ इश्यू प्राइस पर 135 प्रतिशत के प्रीमियम के साथ अपर सर्किट को छू लिया था.
टाटा की दूसरी कंपनी के शेयर चढ़े
टाटा कैपिटल के आईपीओ का रास्ता साफ होने की खबर से ही शेयर बाजार में उछाल दिखने लगा और समूह की दूसरी कंपनी टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के स्टॉक सुबह के कारोबार में ही 8.24 फीसदी के उछाल पर ट्रेड करने लगे. कंपनी के स्टॉक का भाव भी एनएसई पर 6,230 रुपये तक पहुंच गया है.
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