निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner) नियुक्त किया गया. कानून मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई है. ज्ञानेश कुमार निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त होंगे.
निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner) नियुक्त किया गया. कानून मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई है. ज्ञानेश कुमार निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त होंगे.
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कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के पूर्व IAS अधिकारी हैं. उन्होंने संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव के रूप में सेवाएं दी हैं. इसके अलावा, वह गृह मंत्रालय में जम्मू-कश्मीर डेस्क के प्रभारी भी रहे, जब अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किया गया था. वह सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए हैं और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में भी अहम भूमिका निभाई थी.
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कैसे हुई नियुक्ति?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक समिति ने ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया. इस समिति में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल थे. ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा.
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विपक्ष ने जताई आपत्ति
कांग्रेस पार्टी ने इस नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आयोग प्रमुख की नियुक्ति से जुड़ी बैठक को तब तक टाला जाना चाहिए था, जब तक सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आ जाता.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार मुख्य न्यायाधीश (CJI) को चयन समिति से बाहर रखकर चुनाव आयोग पर नियंत्रण रखना चाहती है, लेकिन विश्वसनीयता नहीं चाहती. उन्होंने कहा, “CEC की नियुक्ति में सरकार का यह कदम बताता है कि वह केवल नियंत्रण चाहते हैं, न कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता.”
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