Crude Oil Price : कच्चे तेली की कीमतों में तेजी से आ रही गिरावट से इसका भाव अब 42 महीने के निचले स्तर पर चला गया है. आगे भी क्रूड के दाम कम ही रहने का अनुमान है. लेकिन, बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इसका फायदा घरेलू बाजार को नहीं मिलने वाला है.
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नई दिल्ली. ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें 42 महीने में सबसे कम हो गई हैं. इससे घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के खुदरा दाम घटने की गुंजाइश भी पैदा हो रही, लेकिन अमेरिका आपके इन मंसूबों पर पानी फेर सकता है. ब्रेंट क्रूड ऑयल की औसत कीमत मार्च के पहले पखवाड़े में 42 महीनों के निचले स्तर 71.20 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है. इसका कारण चीन की आर्थिक मंदी, रूस-यूक्रेन संघर्ष में युद्धविराम के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का तेल उत्पादन बढ़ाने का संकल्प बताया जा रहा है.
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि क्रूड सस्ता होने का मतलब यह नहीं है कि घरेलू खुदरा कीमतें भी कम हो जाएंगी. भारत अपनी जरूरत का 88% से अधिक कच्चे तेल का आयात करता है. भारत ने आखिरी बार अगस्त 2021 में भारतीय बास्केट के औसत मासिक तेल आयात मूल्य को 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे देखा था. इसके बाद लगातार उतार-चढ़ाव जारी है. साल 2022 की शुरुआत में रूस-यूक्रेन युद्ध और फिर अक्टूबर 2023 में हमास के इजरायल पर हमले ने तेल कीमतों की कीमतों को और बढ़ा दिया था.
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अमेरिका बिगाड़ सकता है खेल
अमेरिका ने एक तरफ तो तेल उत्पादन बढ़ाने का दावा करके ग्लोबल मार्केट में इसकी कीमतें गिराने का प्रयास किया है तो दूसरी ओर मिडिल ईस्ट में हौती विद्रोहियों पर हमले करके वापस तेल की आग भड़का दी है. ईरान समर्थित इस समूह पर अमेरिका ने डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद सबसे बड़ा हमला किया है, जिससे सोमवार को ही क्रूड की कीमतों में 1 फीसदी तक बढ़ोतरी हो गई है. माना जा रहा है कि आगे भी इसमें उछाल देखने को मिल सकता है.
सॉक्स का अनुमान…घटेगा दाम
गोल्डमैन सॉक्स ने अनुमान लगाया है कि भले ही अभी कुछ कारणों से क्रूड के भाव बढ़ने शुरू हो गए हैं, लेकिन जल्द ही इसकी कीमतों में और गिरावट आनी शुरू हो जाएगी. गोल्डमैन का अनुमान था कि 2025 में दिसंबर तक क्रूड के भाव में 5 डॉलर प्रति बैरल तक नरमी आएगी, लेकिन जनवरी से अब तक ही इसकी कीमतों में 10 डॉलर से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है. सॉक्स ने बताया कि ओपेक की लचर नीतियों और अमेरिका के टैरिफ वॉर की वजह से क्रूड की खपत कम होगी और कीमतों में आगे भी नरमी रह सकती है.
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2026 तक क्या रहेगा भाव
गोल्डमैन सॉक्स का कहना है कि क्रूड की खपत लगातार गिरती जा रही है. जनवरी की ही बात करें तो तेल की डिमांड 9 लाख बैरल प्रतिदिन रहा जो पहले लगाए अनुमान के मुकाबले 18 फीसदी कम रहा है. सॉक्स का अनुमान है कि साल 2025 में ब्रेंट क्रूड का भाव 65 से 80 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहने वाली है. अगर 2026 की बात करें तो 68 डॉलर प्रति बैरल के आसपास इसकी कीमतें घूमती रहेंगी.
