Mutual Fund- भारत की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने 10 सालों में 6 गुना वृद्धि की है. दिसंबर 2024 में AUM 66.93 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
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नई दिल्ली. भारत की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने पिछले 10 सालों में 6 गुना से अधिक की शानदार वृद्धि दर्ज की है. दिसंबर 2024 में इसके एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 66.93 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गए, जबकि दिसंबर 2014 में यह 10.51 लाख करोड़ रुपये थे. यह जानकारी शुक्रवार को एक रिपोर्ट में दी गई. पैसिव फंड्स का एयूएम 10.85 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो कुल बाजार हिस्सेदारी का 16 प्रतिशत है. एक्टिव फंड्स का एयूएम दिसंबर 2024 तक 56.08 लाख करोड़ रुपये है.
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मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (MOAMC) की रिपोर्ट के अनुसार, इक्विटी ने कुल एयूएम का 60.19 प्रतिशत हिस्सा लिया, इसके बाद 26.77 प्रतिशत डेट, 8.58 प्रतिशत हाइब्रिड और 4.45 प्रतिशत अन्य में है. मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और सीईओ प्रतीक अग्रवाल ने कहा, “यह विस्तार इंडस्ट्री की विविध निवेशक आवश्यकताओं को पूरा करने और वित्तीय इकोसिस्टम को मजबूत करने की क्षमता को दर्शाता है. नवाचार, तकनीक और अनुकूलित निवेश समाधान भविष्य के अवसरों को बनाए रखने और नेविगेट करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे.”
इक्विटी फंड्स में ज्यादा इनफ्लो
म्यूचुअल फंड (MF) इंडस्ट्री में Q3 FY25 में 1,98,000 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो रहा है. इसमें मुख्य रूप से इक्विटी फंड्स, विशेष रूप से एक्टिव सेगमेंट में, का योगदान रहा. रिपोर्ट के अनुसार, इक्विटी सेगमेंट में, ब्रॉड-बेस्ड फंड्स ने 69 प्रतिशत से अधिक नेट इनफ्लो को आकर्षित किया. इस तिमाही में 84 नई योजनाओं की शुरुआत हुई, जिन्होंने लगभग 24.8 हजार करोड़ रुपये जुटाए.
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डेट फंड में आए 38,000 करोड़ रुपये
डेट फंड्स में 38,000 करोड़ रुपये के नेट इनफ्लो रहा. इसमें मुख्य रूप से लिक्विड फंड्स का योगदान रहा. पैसिवली मैनेज्ड टारगेट मैच्योरिटी फंड्स ने लगभग 8,000 करोड़ रुपये के महत्वपूर्ण आउटफ्लो का सामना किया. मल्टी एसेट फंड्स ने 9.3 हजार करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो रहा. इसके बाद बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स (4.8 हजार करोड़ रुपये) का स्थान रहा. वित्तीय बाजारों में फंड्स की मूवमेंट को समझना रणनीतिक और सूचित निवेश निर्णय लेने के लिए आवश्यक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते पैटर्न, जैसे एक्टिव फ्लेक्सी कैप और मिड कैप फंड्स का प्रभुत्व और पैसिव फंड्स का 16 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी तक पहुंचना महत्वपूर्ण हैं.