नया इनकम टैक्स बिल आज सोमवार, 10 फरवरी को संसद में पेश हो सकता है. शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी है. नए इनकम टैक्स बिल को लाने का मकसद मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर सिस्टम में सुधार लाना और इसे आसान बनाना है.
बजट 2025 पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया इनकम टैक्स बिल लाने की बात कही थी. ये विधेयक आज सोमवार, 10 फरवरी को संसद में पेश हो सकता है. शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी है. अभी जो इनकम टैक्स कानून (Income Tax Act 1961) चल रहा है, वो 1961 से लागू है. अब इसे पूरी तरह खत्म करके नया कानून लाया जाएगा, जो मौजूदा दौर के हिसाब से अपडेटेड होगा. बता दें कि नए इनकम टैक्स बिल को लाने का मकसद मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर सिस्टम में सुधार लाना और इसे आसान बनाना है.
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नया ‘टैक्स ईयर’ हो सकता है लागू
सरकार असेसमेंट ईयर (Assessment Year) और फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) को मर्ज करने पर विचार कर रही है. इससे टैक्स फाइलिंग के नियम ज्यादा आसान और स्ट्रीमलाइन होंगे.
टैक्स भरना होगा आसान
नया कानून कम शब्दों में, आसान भाषा में लिखा जाएगा ताकि आम लोग इसे समझ सकें. अभी का कानून 6 लाख शब्दों में लिखा गया है, जिसे आधा किया जाएगा. यानी कम कॉम्प्लेक्सिटी, कम कंफ्यूजन.
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टैक्स रेट्स में कोई बदलाव नहीं
इस बिल में टैक्स स्लैब नहीं बदले जाएंगे, यानी अभी जो टैक्स दरें (Tax Rates) हैं, वही रहेंगी. बस टैक्स सिस्टम को ज्यादा सरल और तर्कसंगत बनाया जाएगा.
डिजिटल टैक्स सिस्टम को बढ़ावा
टैक्स भरने की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल किया जाएगा. इससे पेपर वर्क कम होगा और लोग आसानी से अपना टैक्स फाइल कर सकेंगे.
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टैक्सपेयर्स के लिए कम कानूनी झंझट
सरकार का फोकस मुकदमों (Tax Litigation) को कम करने पर होगा. कई अपराधों के लिए सजा कम करने का प्रावधान भी हो सकता है.
नए टैक्स कानून में पारदर्शिता
सरकार टैक्स नियमों को ज्यादा क्लियर और ट्रांसपेरेंट बनाएगी ताकि कोई दिक्कत न हो. इससे टैक्सपेयर्स को कम परेशानी होगी और टैक्स बचाने के लिए गलत रास्ते अपनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
विदेशी निवेश को मिलेगा बढ़ावा
नया कानून विदेशी कंपनियों और इन्वेस्टर्स (Foreign Investors) के लिए भी क्लियर होगा, जिससे भारत में निवेश बढ़ सकता है. इससे भारतीय इकोनॉमी को फायदा मिलेगा.
टैक्स के दायरे में कुछ नए बदलाव
सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स सिस्टम में शामिल हों. लेकिन इसमें किसी नए टैक्स का प्रावधान नहीं होगा. इसे पहले स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जा सकता है ताकि इसके प्रावधानों पर चर्चा हो सके.
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