दिल्ली/एनसीआर

NCR की सड़कों से हटे 2000 CNG ऑटो रिक्शा, ये हैं 3 अहम वजह

गौतमबुद्ध नगर जिले की सड़कों से करीब दो हजार सीएनजी ऑटोरिक्शा कम हो गए हैं। परिवहन विभाग के अनुसार, सीएनजी ऑटो के परमिट रिन्यू नहीं कराना, रजिस्ट्रेशन रद्द करा देना और अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेकर दूसरे जिले में ऑटो को ले जाना, इसकी अहम वजह है। दूसरी तरफ जिले में इलेक्ट्रिक ऑटो की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

ये भी पढ़ें:-   हथियार तस्करी मामले में बिहार समेत चार राज्यों में NIA की ताबड़तोड़ छापेमारी, 315 राइफल समेत कई हथियार बरामद

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, छह माह पहले तक जिले में सीएनजी ऑटो की संख्या 19 हजार से अधिक थी। इसके बाद इसमें कमी आनी शुरू हो गई। अब यह संख्या कम होकर 17063 हो गई है। वहीं, इलेक्ट्रिक ऑटो की संख्या बढ़ी है। इस समय रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक ऑटो की संख्या 5431 है। करीब एक साल पहले यह संख्या लगभग दो हजार थी।

एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने कहा कि सीएनजी ऑटो की संख्या कम हुई है। इनमें से कई चालकों ने रजिस्ट्रेशन निरस्त करा लिए हैं। इसके अलावा ऐसे चालक भी हैं, जिन्होंने ऑटो परमिट रिन्यू नहीं कराया। कुछ चालक परिवहन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेकर दूसरे जिले में ऑटो ले गए हैं।

ये भी पढ़ें:-   Aaj Ka mausam: ठंड से जमेगा हाथ! श्रीनगर में माइनस में तापमान, पंजाब हरियाणा का मत पूछो हाल, मौसम पर IMD का अलर्ट

उन्होंने कहा कि संभव है कि चालक अब इलेक्ट्रिक ऑटो खरीद रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों पर परमिट की बाध्यता नहीं है। इस कारण इनके रूट निर्धारित नहीं हो सकते हैं। चालकों का मानना है कि सीएनजी ऑटो की जगह इलेक्ट्रिक ऑटो में अधिक सहूलियत मिलती है।

परिवहन विभाग के अनुसार जिले में सीएनजी ऑटो की समय सीमा 15 साल निर्धारित है। इसके बाद ऑटो सड़क पर नहीं दौड़ सकता है।

सड़कों पर कम हुए दो हजार ऑटो में से कई ऐसे हैं, जिनकी 15 साल की समय सीमा पूरी हो चुकी है। इस कारण चालकों ने इनका रजिस्ट्रेशन निरस्त करा लिया है। यदि मियाद पूरी कर चुका ऑटो सड़क पर दौड़ता मिलता है तो उसे जब्त कर लिया जाता है। यही कार्रवाई बिना फिटनेस और परमिट के दौड़ने वाले ऑटो पर भी की जाती है।

ये भी पढ़ें:-   हथियार तस्करी मामले में बिहार समेत चार राज्यों में NIA की ताबड़तोड़ छापेमारी, 315 राइफल समेत कई हथियार बरामद

दोबारा परमिट नहीं जारी किए गए

ऑटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष चौधरी ओमप्रकाश गुर्जर ने कहा कि जिन ऑटो मालिकों के परिवहन विभाग ने परमिट निरस्त कर दिए थे, उनके स्थान पर नए जारी नहीं किए गए। इस कारण ऑटो की संख्या में कमी आई है। जिला प्रशासन ने जिले में ऑटो परमिट की संख्या 19 हजार के आसपास निर्धारित कर दी थी। ऐसे में परिवहन विभाग को खत्म हो चुके परमिट के स्थान पर नए परमिट जारी करने चाहिए। कई लोग इन परमिट को लेकर ऑटो जरूर खरीदेंगे।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top