PM Kusum Yojana: राजस्थान में सोलर एनर्जी की अपार संभावनाओं के मद्देनजर किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है.
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PM Kusum Yojana: राजस्थान में सोलर एनर्जी की अपार संभावनाओं के मद्देनजर किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है. उद्यान विभाग द्वारा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM Kusum) कम्पोनेंट ‘बी’ के तहत बीकानेर जिले के किसानों को हाईटेक सिंचाई के लिए 3, 5 व 7.5 HP पम्प क्षमता तक स्टैंडअलोन सोलर एनर्जी पम्प प्लांट अनुदान पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं.
योजना का उद्देश्य ऐसे किसान, जिनके पास सिंचाई के लिए कृषि विद्युत कनेक्शन नहीं हैं और सिंचाई के लिए डीजल चलित प्लांट अथवा अन्य वैकल्पिक साधन पर निर्भर हैं, उन्हें सिंचाई के लिए सोलर एनर्जी पम्प प्लांट अनुदान पर उपलब्ध करवाया जाना है.
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कौन उठा सकता है फायदा
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान के पास न्यूनतम 0.4 हैक्टेयर का भू-स्वामित्व होना जरूरी है. अधिसूचित अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के जनजाति किसानों के लिए 3 व 5 हॉर्स क्षमता के पम्प प्लांट के लिए न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर का भू-स्वामित्व होना जरूरी है.
फरवरी अंत तक आवेदन करें
कार्यदायी फर्म द्वारा तकनीकी सर्वे के आधार पर पम्प क्षमता का निर्धारण किया जाएगा. कृषि अधिकारी (उद्यान) मुकेश गहलोत ने बताया कि अनुदान के लिए किसानों को राज किसान साथी पोर्टल (Raj Kisan Saathi Portal) पर जरूरी दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन करना है.
तकनीकी सर्वे के अनुसार किसान द्वारा आवेदित पम्प क्षमता में बदलाव किया जा सकेगाय वांछित योजना में प्रगति देने के लिए फरवरी अंत तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं, जिससे पूर्व आवंटित लक्ष्य 7 हजार में से बाकी 4 हजार लक्ष्य को समय पर पूर्ण किया जा सके.
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जरूरी दस्तावेज
आवेदन के साथ किसान का जनआधार कार्ड, भूमि की जमाबंदी या पासबुक की प्रतिलिपि (भू-स्वामित्व), सिंचाई जल स्त्रोत ऑनलाईन स्वघोषित, विद्युत कनेक्शन न होने का शपथ ऑनलाइन स्वघोषित इत्यादि ऑनलाइन प्रस्तुत किया जाना है.
कितनी मिलेगी सब्सिडी
स्टैंडअलोन सोलर एनर्जी पम्प परियोजना में पीएम कुसुम (PM Kusum) कम्पोनेंट बी के तहत 60% (30% केन्द्रीय मद और 30% राज्य मद) अनुदान देय होगा. योजना के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को राज्य मद से 45,000 रुपये प्रति किसान प्रति प्लांट अतिरिक्त अनुदान देय है.
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 7.5 HP क्षमता तक के सोलर एनर्जी प्लांट पर ही अनुदान का प्रावधान किया गया है. अगर कृषकों द्वारा इससे अधिक क्षमता का 10 HP का पम्प स्थापित करवाया जाता है, तो समस्त अन्तर राशि किसान द्वारा वहन ही वहन की जाएगी. किसान द्वारा कृषक हिस्सा राशि कुल लागत का बाकी 40% राशि खुद वहन की जाएगी. किसान द्वारा वहन की जाने वाली लागत की 40% राशि में से 30% तक की राशि का, किसान बैंक लोन भी ले सकते हैं.
इस योजना के तहत वे किसान पात्र होंगें, जो कृषि एवं उद्यानिकी फसलों में सिंचाई के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, माइको स्प्रिंकलर या स्प्रिंकलर प्लांट काम में ले रहे हैं. उच्च उद्यानिकी तकनीक जैसे ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस और लो-टनल्स आदि लेने वाले किसान भी पात्र होंगे. किसान द्वारा जलस्त्रोत होने व डीजल चलित प्लांट से सिंचाई करने का स्वःघोषित शपथ-पत्र प्रस्तुत करने पर, योजना का पात्र माना जाएगा. बिजली कनेक्शन विहीन किसान द्वारा उसके भू-स्वामित्व में सिचाई हेतु जल संग्रहण ढांचा, डिग्गी, फार्म पौण्ड व जलहौज निर्मित हो तो, किसान द्वारा शपथ-पत्र प्रस्तुत करने पर योजना के लिए पात्र माना जाएगा.
ऐसे किसानों नहीं मिलेगा योजना का फायदा
योजना में यथासम्भव लघु एवं सीमान्त कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी. जिन कृषकों के पास कृषि विद्युत कनेक्शन हैं या सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र परियोजना के तहत अनुदान पा लिया है, ऐसे किसान इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे. विद्युत विभाग में कृषक द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन आवेदन होने की स्थिति में, आवेदित कृषक द्वारा स्वयं की सहमति से विद्युत कनेक्शन आवेदन को समर्पित करने पर, योजना में पात्र माना जाएगा.
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