India Post Bank IPO: पोस्ट ऑफिस को चलाने वाले इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीबीबी) का आईपीओ आने वाला है। इसी के तहत केंद्र सरकार ने आईपीबीबी में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस मामले से जुड़े विभाग ने अब इस बात पर चर्चा शुरू कर दी है कि केंद्र सरकार लिस्टिंग के लिए कितनी इक्विटी बेचेगी। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के प्रबंध निदेशक आर विश्वेश्वरन ने कहा-हमने इस मामले पर दिशा-निर्देश मांगने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। बता दें कि आईपीपीबी की स्थापना डाक विभाग के तहत की गई थी। इसमें 100% इक्विटी सरकार के स्वामित्व में थी।
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क्यों पड़ी जरूरत
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक को बैंकिंग नियामक द्वारा निर्धारित लाइसेंसिंग जरूरतों का पालन करने के लिए मार्च 2026 के अंत तक शेयर बाजार में लिस्ट होना जरूरी है। आरबीआई के लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के अनुसार पेमेंट बैंकों को 500 करोड़ रुपये की नेट एसेट हासिल करने के तीन साल के भीतर सार्वजनिक होना चाहिए। इस मानदंड को देखते हुए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक को मार्च 2026 तक सार्वजनिक होने की जरूरत है। बता दें कि फिनो पेमेंट्स बैंक इस क्षेत्र में एकमात्र इकाई है, जो वर्तमान में सूचीबद्ध है। यह पहले ही एक स्मॉल फाइनेंस बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन कर चुकी है।
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2018 में शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की शुरुआत की थी। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का मूल मकसद बैंकिंग सेवाओं से वंचित और कम बैंकिंग सेवाएं लेने वाले लोगों की बाधाओं को दूर करना और 1,61,000 से अधिक डाकघरों (ग्रामीण क्षेत्रों में 1,43,000) और 190,000 से अधिक डाक कर्मचारियों वाले डाक नेटवर्क का लाभ उठाते हुए अंतिम छोर तक पहुंचना है। ग्राहकों के लिए बचत और चालू खाते खोलने के अलावा आईपीपीबी फंड ट्रांसफर और सरकार के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की सुविधा भी देता है।
