नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। PPF लंबे समय के लिए बचत का बेहतरीन विकल्प है, जिससे निवेशक को भविष्य की जरूरत पूरा करने मदद मिलती है। कई बार ऐसा होता है कि फाइनेंशियल प्लानिंग के बाद भी पैसे की दिक्कत आ जाती है। ऐसे में PPF एक आसान विकल्प हो सकता है। PPF खाते में हालांकि 15 साल का लॉक-इन होता है, लेकिन कार्यकाल समाप्त होने से पहले लोन और आंशिक निकासी की सुविधा है। जबकि PPF खाता खोलने के तीसरे और छठे वित्तीय वर्ष के बीच PPF खाते से लोन लिया जा सकता है, सातवें वर्ष से PPF से आंशिक निकासी की सुविधा की अनुमति है।
PPF पर लोन के लिए पात्रता: PPF पर लोन के वास्ते आवेदन करने के लिए, आपका PPF खाता एक्टिव होना चाहिए।
टाइमलाइन: PPF खाता खोलने के बाद ग्राहक तीसरे से छठे वर्ष तक PPF लोन का लाभ उठा सकता है।
ब्याज दर: ग्राहकों को लोन राशि पर 1% ब्याज देना होगा। यह पर्सनल लोन की तुलना में काफी सस्ता है जो कि 7.1 प्रतिशत की मौजूदा PPF दर को देखते हुए अभी भी अधिक है। यदि लोन लिया जाता है, तो PPF ग्राहक को मूल राशि और ब्याज की चुकौती किए जाने तक कोई ब्याज (ले गए लोन की राशि की सीमा तक) नहीं मिलेगा।
लोन अवधि: 36 महीने यानि उधार के बदले चुकौती 36 महीने या 3 साल की अवधि के बाद शुरू होनी चाहिए।
रीपेमेंट: यदि ग्राहक PPF के बदले ली गई लोन राशि को चुकाने में विफल रहता है, तो ब्याज दर 6 प्रतिशत हो जाती है, जबकि अन्य सभी मानदंड तब तक लागू रहते हैं जब तक कि लोन पूरी तरह से साफ नहीं हो जाता। चुकौती एकमुश्त भुगतान या दो मासिक किस्तों के माध्यम से की जा सकती है।
आपको कितना लोन मिल सकता है?
आप PPF खाता खोलने के तीसरे साल से लेकर छठे साल तक अपने PPF बैलेंस पर लोन ले सकते हैं। लोन की राशि शेष राशि के 25% तक सीमित है।
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