Donald Trump US News: डोनाल्ड ट्रंप ने अपने तीसरे कार्यकाल की संभावना से इनकार नहीं किया, जिससे अमेरिका में राजनीतिक बहस छिड़ गई. संविधान में दो कार्यकाल की सीमा है, लेकिन ट्रंप ने इसके ‘विभिन्न रास्ते’ बताए. उनकी बयानबाजी को रूस और चीन की सत्ता नीति से जोड़कर देखा जा रहा है.
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वॉशिंगटन: क्या अमेरिका एक तानाशाही बनने की ओर बढ़ रहा है? यह सवाल इसलिए क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने तीसरे कार्यकाल की संभावना को खारिज नहीं किया है. उनके इस बयान से अमेरिका के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है. NBC न्यूज को फोन पर दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, ‘ऐसा करने के तरीके हैं,’ और जोर देकर कहा कि वे ‘मजाक नहीं’ कर रहे. दरअसल अमेरिकी संविधान का 22वां संशोधन 1951 में लागू हुआ था, जो किसी भी व्यक्ति को दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति बनने से रोकता है. ट्रंप का यह बयान संविधान के खिलाफ है. उनके इस बयान के बाद यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या वह रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की राह पर हैं. क्योंकि दोनों नेताओं ने भी नियमों में बदलाव कर लंबे समय तक सत्ता को अपने कंट्रोल में रखा है.
रूस में पुतिन ने 2020 में संवैधानिक संशोधन करवाए, जिससे वे 2036 तक सत्ता में रह सकते हैं. इससे पहले, वे 2008-2012 तक प्रधानमंत्री बनकर अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता संभालते रहे. अमेरिका की तरह चीन में भी राष्ट्रपति के सिर्फ दो बार ही पद संभालने का नियम रहा है. लेकिन शी जिनपिंग ने 2018 में संविधान से राष्ट्रपति कार्यकाल की सीमा हटवा दी, जिससे वे अब आजीवन सत्ता में रह सकते हैं. ट्रंप जब अपने तीसरे कार्यकाल की बात करते हैं तो लगता है कि वह अमेरिका के विरोधी रूस और चीन से ही प्रभावित हो रहे हैं.
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तीसरी बार राष्ट्रपति बनना चाहते हैं ट्रंप?
NBC न्यूज की क्रिस्टन वेल्कर से फोन पर ट्रंप ने बातचीत की. इसमें उनके तीसरी बार राष्ट्रपति बनने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘बहुत से लोग चाहते हैं मैं ऐसा करूं. लेकिन अभी मेरा ध्यान मौजूदा काम पर है. हमारे पास अभी बहुत समय है.’ ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या उनके पास तीसरी बार राष्ट्रपति बनने को लेकर कोई स्ट्रैटेजी है? इस पर उन्होंने कहा, ‘कई रास्ते हैं, जिससे ऐसा किया जा सकता है.’ वेल्कर ने सुझाव दिया कि 2028 में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस चुनाव लड़ें और फिर सत्ता उन्हें सौंप दें. इस पर ट्रंप ने कहा यह एक तरीका है, लेकिन इसके अलावा भी विकल्प है. हालांकि उन्होंने इसके आगे कुछ नहीं बताया. ट्रंप ने साफ किया कि वह मजाक नहीं कर रहे हैं.
तानाशाही की ओर अमेरिका?
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के संविधान संशोधन के लिए कांग्रेस के दोनों सदनों में दो-तिहाई वोट और 38 राज्यों की मंजूरी चाहिए जो कि एक बेहद मुश्किल प्रक्रिया है. सवाल यह भी है कि क्या पुतिन और जिनपिंग की तरह, ट्रंप का यह कदम सत्ता को लंबे समय तक अपने पास रखने की इच्छा दिखाता है? रूस में पुतिन ने चुनावों को नियंत्रित किया और विरोधियों को जेल में डाला, जबकि चीन में जिनपिंग ने सोशल क्रेडिट सिस्टम और निगरानी के जरिए नागरिकों पर पकड़ मजबूत की. ट्रंप भी असहमति को दबाने और सुप्रीम कोर्ट को राजनीतिक हथियार बनाते दिख रहे हैं. पहले कार्यकाल में भी, उन्होंने पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की तारीफ की थी. अमेरिकी लोकतंत्र में संतुलन और निगरानी की मजबूत व्यवस्था है, जो तानाशाही की संभावनाओं को रोकने का काम करती है. लेकिन ट्रंप का यह बयान एक नएतरह की चिंता पैदा करता है.
