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SBI विदेश में पढ़ने के लिए 50 लाख का दे रहा एजुकेशन लोन, बिना संपत्ति गिरवी रखे मिलेगा पैसा

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Study Abroad Loan: विदेश में पढ़ाई काफी ज्यादा महंगी होती है, जो सबके बस की बात नहीं है। कुछ लोगों का पैसा की तंगी की वजह से विदेश में पढ़ाई का सपना पूरा नहीं हो पाता है, जबकि कुछ छात्र एजुकेशन लोन लेकर पढ़ाई करते हैं। आमतौर पर एजुकेशन लोन लेने के लिए संपत्ति गिरवी रखनी पड़ती है, जिसे कोलैटरल (Collateral) कहा जाता है। हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) विदेश में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। दरअसल, SBI के ग्लोबल एड वैंटेज स्कीम के तहत, छात्र बिना किसी संपत्ति गिरवी रखे 50 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन ले सकते हैं। ये लोन उन छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो आर्थिक तंगी की वजह से विदेश में हायर एजुकेशन हासिल नहीं कर पा रहे हैं। इस योजना के तहत स्टूडेंट्स अधिकतम 3 करोड़ रुपये तक का लोन ले सकते हैं। उनके पास ऑप्शन है कि वे 15 साल की लंबी अवधि में इस लोन को चुका दें। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में लोन से पढ़ाई की जा सकती है।

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क्या होता है कोलैटरल और कोलैटरल-फ्री लोन?

इस योजना को समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि कोलैटरल क्या होता है। आसान भाषा में कहें तो कोलैटरल वो चीज होती है, जिसे गिरवी रखकर कोई शख्स कर्ज लेता है। जैसे अगर कोई कार खरीदने के लिए लोन लेता है, तो इस स्थिति में कार ही कोलैटरल होती है। अगर लोन नहीं चुकाया गया तो बैंक कार को जब्त कर लेती है और उसे बेचकर अपना पैसा वसूल लेती है। वहीं, कोलैटरल-फ्री लोन का मतलब है कि कर्ज लेने के लिए कोई भी संपत्ति गिरवी रखने की जरूरत नहीं है।

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क्या है SBI की स्कीम की फायदा?

SBI के ग्लोबल एड वैंटेज स्कीम का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसके तहत छात्र 3 करोड़ रुपये तक के लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। लोन के जरिए कई तरह के खर्चों को कवर किया जा रहा है, जिसमें कॉलेज/स्कूल/हॉस्टल/परीक्षा/लाइब्रेरी/लैबोरेटरी की फीस शामिल है। इसके अलावा, विदेश यात्रा का खर्च, किताबें, डिवाइस, इंस्ट्रूमेंट, यूनिफॉर्म, कंप्यूटर और कोर्स से जुड़े अन्य खर्च जैसे स्टडी टूर, प्रोजेक्ट वर्क, थीसिस आदि भी कवर किए जा रहे हैं।

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