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सिसोदिया- सत्येंद्र जैन की मुसीबतें बढ़ीं, राष्ट्रपति ने FIR की अनुमति दी

नई दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दी. यह एफआईआर दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण से जुड़े कथित 1,300 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है. इस मामले में 2020 में, केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने दिल्ली में कक्षाओं के निर्माण परियोजनाओं की जांच की थी. CVC की रिपोर्ट, 17 फरवरी 2020 को जारी हुई. जिसमें दिल्ली सरकार के विभिन्न स्कूलों में 2,400 से अधिक कक्षाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण अनियमितताओं को उजागर किया गया. इससे आप नेताओं की मुसीबतें साफ तौर पर और भी ज्यादा बढ़ गई हैं.

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CVC रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

सीवीसी की रिपोर्ट में बताया गया कि PWD ने निर्धारित लागत से अधिक दरों पर परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिससे वित्तीय गड़बड़ी पैदा हुईं. कई कक्षाओं का निर्माण बिना उचित संरचनात्मक अनुमोदनों के किया गया, जिससे सुरक्षा और अनुपालन मुद्दे पैदा हुए. कुछ मामलों में, प्रारंभिक मंजूरी से अधिक कक्षाओं के लिए धन आवंटित किया गया, जिससे अनावश्यक खर्च हुआ. CVC की जांच के नतीजों के बाद 2022 में, दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने कथित अनियमितताओं की व्यापक जांच की सिफारिश की. इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी गई, जिसमें आगे की जांच की आवश्यकता पर जोर दिया गया.

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एफआईआर की मंजूरी

इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए फाइल भेजी थी. जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है. मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में मंत्री रहते हुए हुई कथित अनियमितताएं करने का आरोप है. एफआईआर की मंजूरी आम आदमी पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण समय पर आई है. सिसोदिया और जैन दोनों पार्टी के महत्वपूर्ण सदस्य रहे हैं. सिसोदिया उपमुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग संभालते थे, जबकि जैन स्वास्थ्य और PWD विभागों के मंत्री थे.

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आगे की प्रक्रिया

अब जब एफआईआर की मंजूरी मिल गई है, तो जांच एजेंसियों से मामले की विस्तृत जांच शुरू करने की उम्मीद है. इस प्रक्रिया में परियोजना दस्तावेजों, वित्तीय रिकॉर्डों और कक्षा निर्माण परियोजनाओं से संबंधित अनुबंधों की जांच शामिल होगी. सिसोदिया और जैन को इन परियोजनाओं से संबंधित निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में उनकी भूमिकाओं को स्पष्ट करने के लिए बयान देने के लिए बुलाया जा सकता है.

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