Som Pradosh Vrat 2022: आज 05 दिसंबर को सोम प्रदोष व्रत है. आज के दिन अनंग त्रयोदशी व्रत भी है. सोम प्रदोष व्रत समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला व्रत है. जानते हैं सोम प्रदोष व्रत और पूजा विधि के बारे में.
Som Pradosh Vrat 2022: आज 05 दिसंबर को सोम प्रदोष व्रत है. आज के दिन अनंग त्रयोदशी व्रत भी है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज है. हर त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत रखा जाता है और भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करते हैं. सोम प्रदोष व्रत समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला व्रत है. शिव कृपा से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, रोग और दोष भी मिट जाते हैं. प्रदोष व्रत करने से संतान सुख भी प्राप्त होता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं सोम प्रदोष व्रत और पूजा विधि के बारे में.
सोम प्रदोष व्रत 2022 मुहूर्त
मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी तिथि की शुरूआत: आज, सुबह 05 बजकर 57 मिनट से
मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी तिथि की समाप्ति: कल, बह 06 बजकर 47 मिनट पर
सोम प्रदोष पूजा मुहूर्त: आज, शाम 05 बजकर 24 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक
परिघ योग: आज सुबह से लेकर कल तड़के 03 बजकर 08 मिनट तक
शिव योग: कल तड़के 03 बजकर 08 मिनट से दिनभर
सोम प्रदोष व्रत और पूजा विधि
1. आज प्रात: स्नान ध्यान के बाद सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए. फिर सोम प्रदोष व्रत और शिव पूजा का संकलप करना चाहिए.
2. आज अनंग त्रयोदशी व्रत भी है और इसमें भी शिव जी की पूजा करते हैं, इसलिए जो आज सोम प्रदोष व्रत रखेगा, उसे अनंग त्रयोदशी व्रत का भी पुण्य लाभ प्राप्त हो सकता है, वेसे ही जो अनंग त्रयोदशी व्रत रखेगा, उसे प्रदोष व्रत का भी पुण्य लाभ होगा.
3. दिनभर फलाहर करते हुए व्रत रखते हैं और शाम को प्रदोष पूजा मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करते हैं. उस समय आप किसी शिव मंदिर या फिर घर पर ही पूजा कर लें.
4. शुभ मुहूर्त में शिव जी का गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करें. फिर अक्षत्, फल, फूल, बेलपत्र, चंदन, धतूरा, भांग, शमी के पत्ते, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें. इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.
5. विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बेलपत्र पर ओम नम: शिवाय लिखकर शिव जी को चढ़ाएं. आपको पुण्य फल प्राप्त होगा. फिर आप सोम प्रदोष व्रत कथा का श्रवण करें. शिव चालीसा का पाठ और शिव मंत्रों का जाप भी करें.
6. पूजा का समापन शिव जी की आरती से करें. फिर रात्रि के समय जागरण करें. उसके बाद अगले दिन सुबह स्नान के बाद पूजा करें. किसी गरीब ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें.
7. फिर आप सूर्योदय के बाद भोजन ग्रहण करके पारण करें और व्रत को पूरा करें.
सोम प्रदोष पर रुद्राभिषेक
इस बार प्रदोष व्रत पर रुद्राभिषेक कर संंयोग बना है. आज पूरे दिन शिववास है. यह कल सुबह 06 बजकर 47 मिनट तक है. रुद्राभिषेक के लिए शिववास का होना जरूरी होता है. यदि आपको आज रुद्राभिषेक कराना है तो आज का दिन अच्छा है.