Konkan Expressway : मुंबई से गोवा जाने के लिए अभी आपको कम से कम 10 से 12 घंटे सफर करना पड़ता है. इसमें ज्यादा खर्चा भी आता है और समय भी जाता है, लेकिन कोंकण एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद यह सफर महज 6 घंटे में पूरा हो जाएगा. यह एक्सप्रेसवे 95 फीसदी बन चुका है और जल्द आपकी सेवा के लिए तैयार होगा.
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नई दिल्ली. देश में एक ऐसा एक्सप्रेसवे तैयार हो रहा है, जो अमेरिका के कैलिफोर्निया में बने पैसिफिक हाईवे की तर्ज पर बनाया गया है. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का काम 14 साल पहले शुरू हुआ था, जो अब पूरा होने के करीब है. एक बार यह एक्सप्रेसवे तैयार हो गया तो सफर में लगने वाला समय आधा हो जाएगा. अभी जहां 12 घंटे का समय लगता है, वहीं सिर्फ 6 घंटे में इस सफर को पूरा किया जा सकेगा. एक्सप्रेसवे इतना खूबसूरत है कि इस पर चलना ही किसी पिकनिक से कम नहीं. एक तरफ ऊंचे हरे-भरे पहाड़ तो दूसरी ओर समंदर के नजारे आपको रोमांच से भर देंगे.
हम बात कर रहे हैं मुंबई से गोवा तक जाने वाले कोंकण एक्सप्रेसवे (Konkan Expressway) की. 14 साल से इंतजार कर रहे इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है. 6 लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवे मुंबई और गोवा के बीच यात्रा समय को 12 घंटे से घटाकर 6 घंटे कर देगा. 376 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे को कोंकण तट के साथ बनाया जा रहा है, इसलिए इसे ‘कोंकण एक्सप्रेसवे’ कहा जाएगा. एक्सप्रेसवे के साथ 120 किलोमीटर का स्ट्रेच रोड भी बनेगा, इस तरह कुल दूरी 498 किलोमीटर हो जाएगी, जिसे महज 6 घंटे में ही पूरा किया जा सकेगा.
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2011 में शुरू हुआ था निर्माण
साल 2011 में निर्माण कार्य शुरू होने के बाद से इस परियोजना को कई रुकावटों का सामना करना पड़ा है. बार-बार डेट बढ़ाए जाने की वजह से इसकी लागत भी बढ़कर दोगुनी हो गई. NHAI के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे पर बन रही स्ट्रेच रोड का काम लगभग पूरा हो चुका है. इस रोड को दो भाग में बनाया जा रहा. पहला पनवेल से कासू (42.3 किमी) और कासू से इंदापुर (42.3 किमी). एक्सप्रेसवे के लिए जंगल की भी 146 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण करना पड़ा है.
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एक्सप्रेसवे पर बनेंगी 41 सुरंगें
कोंकण एक्सप्रेसवे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए भी जाना जाएगा. कोंकण क्षेत्र के कठिन रास्ते और नदियों, पहाड़ों को पार करने के लिए सुरंगें और पुल बनाए जा रहे हैं. कोंकण एक्सप्रेसवे पर लगभग 41 सुरंगें और 21 बड़े पुल बनाए जाएंगे. इस मार्ग पर विभिन्न जिलों में 41 छोटे पुल भी होंगे. सबसे बड़ा पुल कारजा में धरमतार क्रीक पर बनाया गया है, जिसकी लंबाई 10.2 किलोमीटर है. 7 बड़े पुल की कुल लंबाई करीब 27 किलोमीटर की होगी.
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कितना पैसा खर्च और क्या है रूट
कोंकण एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए लगभग 68,000 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च है. इसमें लगभग 3,792 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की लागत भी शामिल है. इसमें से लगभग 146 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की है. कोंकण एक्सप्रेसवे पनवेल (नवी मुंबई) को सिंधुदुर्ग से जोड़ेगा, जिसमें रायगढ़ और रत्नागिरी भी शामिल होंगे. यह एक्सप्रेसवे रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के 17 तालुका और 3 जिलों के 232 गांवों को कवर करेगा. एक्सप्रेसवे पर 14 इंटरचेंज बनाए गए हैं.