Increase Chances of IPO Allotment: चालू वित्त वर्ष 2021-22 में आईपीओ की बरसात हो रही है.मार्केट एनालिस्ट्स का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में पूरे साल आईपीओ का माहौल बना रहेगा. इस वित्त वर्ष में अभी 70 हजार करोड़ रुपये के 40 आईपीओ और आ सकते हैं. आईपीओ के प्रति निवेशकों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है लेकिन सभी को शेयरों का आवंटन नहीं हो पाता है. कुछ निवेशकों की शिकायत रहती है कि वे कई एप्लीकेशन डालते हैं लेकिन उन्हें कभी शेयरों का आवंटन नहीं हो पाता है. कुछ लोग सिर्फ एक ही एप्लीकेशन डालते हैं लेकिन उन्हें शेयर मिल जाते हैं. शेयरों के आवंटन की प्रक्रिया ऑटोमेटेड है लेकिन कुछ तरीके अपनाकर आपका नाम इस सूची में आ जाए, इसकी संभावना बढ़ा सकते हैं.
इस तरह बढ़ा सकते हैं शेयर अलॉटमेंट की संभावना
- बड़े एप्लीकेशन पर अधिक बिड लगाने से बचें: सेबी की अलॉटमेंट प्रॉसेस ऐसी है जिसमें 2 लाख रुपये से कम के सभी आवेदनों (रिटेल एप्लीकेशंस) को समान समझा जाता है. ऐसे में जिन आईपीओ के ओवरसब्सक्राइब होने की संभावना बहुत अधिक है, उसमें निवेशकों को बड़े बिड लगाने की बजाय कई खातों के जरिए न्यूनतम बिड लगाना चाहिए. इससे बचे हुए पैसों को अन्य आईपीओ में भी निवेश का मौका पा सकते हैं.
- एक ही आईपीओ में कई खातों से लगाएं बिड: किसी आईपीओ के लिए मैक्सिमम बिड एक ही खाते से न लगाएं. निवेशकों को अधिक सब्सक्राइब होने वाले आईपीओ को कई खातों के जरिए आवेदन करना चाहिए. इससे शेयरों के अलॉटमेंट होने की संभावना बढ़ जाती है.
- प्राइस बैंड के अपर प्राइस पर लगाएं बिड: किसी कंपनी के आईपीओ के लिए जो प्राइस बैंड तय किया है, उसके अपर प्राइस पर बिड लगाएं. इससे अलॉटमेंट होने की संभावना बढ़ती है.
- अंतिम दिन सब्सक्राइब करने से बचें: आईपीओ को सब्सक्राइब करने के लिए निवेशकों के पास कुछ दिनों का समय होता है. कुछ निवेशक आईपीओ को आखिरी दिन सब्सक्राइब करने की कोशिश करते हैं, जिससे बचा जाना चाहिए. अंतिम समय में बोली लगाने से हो सकता है कि एचएनआई और क्यूआईबी के हाई सब्सक्रिप्शन के चलते बैंक खाता रिस्पांड न करे या अन्य किसी तकनीकी समस्या के चलते बिड न प्लेस हो सके. ऐसे में आईपीओ को सब्सक्राइब करने का फैसला किया है तो इशू खुलने के बाद अंतिम समय का इंतजार न करें.
- बैंक खाते के जरिए बिड प्लेस करें: आईपीओ के लिए अपने ब्रोकरेज फर्म के प्लेटफॉर्म के जरिए बोली लगा सकते हैं. इसके अलावा बैंक भी यह सुविधा देते हैं. आईपीओ के लिए निवेशक बैंक के जरिए एएसबीए (एप्लीकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट) से बोली लगा सकते हैं. एएसबीए से बोली लगाने पर तकनीकी कारणों से एप्लाकेशन खारिज होने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है.
- पैरेंट या होल्डिंग कंपनी में खरीदें शेयर: यह तरीका सभी आईपीओ में नहीं कारगर है. यह सिर्फ उन्हीं आईपीओ के लिए कारगर जहां आईपीओ लाने वाली कंपनी की पैरंट कंपनी पहले से ही मार्केट में लिस्टेड है. डीमैट खाते में पैरंट कंपनी का एक भी शेयर होने पर निवेशक शेयरहोल्डर कैटेगरी के तहत आवेदन करने के योग्य हो जाता है और फिर उसके शेयरों के अलॉटमेंट होने की संभावना बढ़ जाती है. निवेशक शेयरहोल्डर कैटेगरी के अलावा रिटेल इंवेस्टर कैटेगरी से भी आवेदन कर सकता है. दोनों कैटेगरी से आवेदन करने पर अलॉटमेंट के चांसेज बढ़ जाते हैं.
FY22 में अब तक आ चुके 16 कंपनियों के आईपीओ
चालू वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक 16 कंपनियों के आईपीओ आ चुके हैं. इन 16 आईपीओ के जरिए 30666 करोड़ रुपये कंपनियों ने जुटाए हैं. इसकी तुलना पिछले पूरे वित्त वर्ष 2020-21 से करें तो आईपीओ मार्केट बहुत उत्साहित है क्योंकि पिछले वित्त वर्ष में पूरे साल 30 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 31277 करोड़ रुपये जुटाए थे. मार्केट एनालिस्ट्स का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में पूरे साल आईपीओ का माहौल बना रहेगा. इस वित्त वर्ष में अभी 70 हजार करोड़ रुपये के 40 आईपीओ और आ सकते हैं.
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