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Vaikuntha Chaturdashi: बैकुंठ चतुर्दशी कब है? इस दिन जरूर करें ये उपाय, होने लगेगी धन की वर्षा!

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Vaikuntha Chaturdashi: बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत बहुत खास होता है. इस दिन सारे नियमों का पालन कर पूजा करने से जिंदगी में हमेशा खुशहाली रहती है.

Vaikuntha Chaturdashi: कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विष्णु के निमित्त श्रद्धा भक्ति भाव से व्रत करने और उनकी पूजा अर्चना करने से जीवन में चल रही सभी परेशानियां खत्म हो जाती है. कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत किया जाता है. बैकुंठ धाम स्वर्ग के समान बताया गया है, जहां भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी वास करती हैं. बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत विधि विधान से करने पर भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

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बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत कब है?
साल 2024 में बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत 14 नवम्बर को किया जाएगा. लोकल 18 से बात करते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि हिंदू धर्म में सभी व्रत का विशेष महत्व होता है. हिंदू धर्म में किसी भी व्रत को विधि विधान से करने पर उसका संपूर्ण फल प्राप्त होता है. ऐसे ही बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत करने से बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है. यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है. बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है, लेकिन साल 2024 में बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत त्रयोदशी तिथि को होगा. वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का क्षय है.

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व्रत से ग्रहों का दुष्प्रभाव होगा खत्म 
पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि साल 2024 में बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत अश्विनी नक्षत्र और गुरुवार के दिन होने से इसका कई गुना फल प्राप्त होगा. बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत करने से सभी परेशानियां, सभी कष्ट और सभी बाधाएं खत्म हो जाती हैं. साथ ही कुंडली में सभी ग्रहों का दुष्प्रभाव पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है.

वह बताते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके पवित्र होने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें. इसके बाद बैकुंठ चतुर्दशी व्रत का संकल्प करें और अपने देवालय में बैठकर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें. ऐसा करने से जन्म जन्मांतर के सभी पाप खत्म हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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भगवान विष्णु को बेलपत्र चढ़ाने की मान्यता 
बैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु को बेलपत्र चढ़ाने पर लाभ होता है. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार बैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा यदि 1000 कमल पुष्पों से की जाए तो जीवन सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है और उन्हें बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है. इस दिन शाम के समय गंगा किनारे 11, 21, 31, 51 या 101 दीपक जलाने पर विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.

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