बरेली में सर्दी अपना असर दिखाने लगी है। बुधवार को दिनभर सर्द हवा चली, जिससे धूप भी बेअसर रही। लोग ठंड से ठिठुरते दिखे। मौसम विभाग ने पांच दिन तक शीतलहर हावी रहने का अनुमान जताया है।
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पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता बढ़ने से बरेली में बुधवार को दिन का पारा एक डिग्री सेल्सियस लुढ़क गया। इस लिहाज से बरेली प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रहा। न्यूनतम पारा भी प्रदेश में तीसरे स्थान पर दर्ज हुआ। सर्द हवा शहरियों को ठिठुरन का एहसास कराती रही। अयोध्या और नियामतपुर का न्यूनतम पारा बरेली से भी कम रहा।
बुधवार सुबह कोहरे में लिपटी रही। दोपहर में धूप जरूर हुई, पर सर्द हवा की वजह से बेअसर रही। एक डिग्री गिरावट के साथ पारा सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया। अधिकतम तापमान 20.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं न्यूनतम पारा भी गिरकर 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
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मौसम विशेषज्ञ डॉ अतुल के मुताबिक पश्चिम विक्षोभ की सक्रियता और पहाड़ों पर हुई बर्फबारी की वजह से सर्द हवा मैदानी इलाके में प्रवेश कर रही है। इस वजह से पहाड़ से सटे तराई के इलाकों में ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है। करीब पांच दिन तक शीतलहर हावी रहने का अनुमान जताया है।
निमोनिया की चपेट में मिले छह बच्चे, वार्ड में भर्ती
ठंड अब बच्चों की सेहत पर भारी पड़ रही है। मंगलवार को इलाज के लिए जिला अस्पताल आए करीब डेढ़ सौ बच्चों में नौ की हालत गंभीर रही। तीन तेज बुखार और छह निमोनिया पीड़ित मिले। उन्हें भारती कर इलाज शुरू कर दिया गया है। हालत स्थिर है।
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जिला अस्पताल की एडीएसआईसी डॉ. अलका शर्मा के मुताबिक बीते चार दिनों में तापमान में आए उतार-चढ़ाव से जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या जो एलर्जी से पीड़ित हैं, उनकी सेहत बिगड़ी। ज्यादातर बच्चे बीमार हो रहे हैं। मंगलवार को ओपीडी में सामान्य दिनों से 15 फीसदी ज्यादा बच्चे इलाज के लिए पहुंचे।
कुछ बच्चों में निमोनिया की पुष्टि हुई। उन्हें वैक्सीन नहीं लगी थी। बच्चों के परिजन से विशेष ख्याल रखने की अपील की जा रही है। सुबह-शाम बच्चों को घर से बाहर न जाने दें। तबीयत बिगड़े तो इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे। देरी भारी पड़ सकती है।