महिलाओं की लाइफ काफी मुश्किल होती है, क्योंकि उनमें हार्मोनल इम्बैलेंस कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, लेकिन सही लाइफस्टाइल, फूड हैबिट्स और डॉक्टर की सलाह से इन्हें कंट्रोल किया जा सकता है.
Hormonal problems in females: महिलाओं के शरीर में हार्मोन का बैलेंस बहुत अहम होता है क्योंकि ये न सिर्फ पीरियड्स बल्कि ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करते हैं. हार्मोन हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकते हैं, जैसे वजन बढ़ना, अनियमित पीरियड्स, मूड स्विंग्स और फर्टिलिटी इशूज. आइए जानते हैं महिलाओं में होने वाली 5 आम हार्मोनल समस्याओं के बारे में और उनके समाधान.
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1. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
PCOS एक नॉर्मल हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसमें ओवरी में छोटी-छोटी सिस्ट (गांठें) बन जाती हैं, जिससे पीरियड्स इर्रेगुलर हो जाते हैं और फिर्टिलिटी पर असर पड़ता है.
लक्षण
-इर्रेगुलर पीरियड्स
-वजन बढ़ना
-चेहरे पर अनचाहे बाल
-मुंहासे
समाधान
-हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज
-शुगर और कार्बोहाइड्रेट का कम सेवन
-डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लेना
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2. थायरॉयड असंतुलन
थायरॉयड ग्लैंड शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है. इसका ज्यादा (हाइपरथायरॉयडिज्म) या कम (हाइपोथायरॉयडिज्म) एक्टिव होना कई परेशानियां पैदा कर सकता है.
लक्षण
-वजन बढ़ना या घटना
-थकान और कमजोरी
-बाल झड़ना
-डिप्रेशन या एंग्जायटी
समाधान
आयोडीन बेस्ड भोजन का सेवन
स्ट्रेस मैनेजमेंट
डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का सेवन
3. एस्ट्रोजन इम्बैलेंस
एस्ट्रोजन वूमेन हार्मोन है, जिसका असंतुलन पीरियड्स और रिप्रोडक्टिव सिस्टम को प्रभावित कर सकता है.
लक्षण
-पीरियड्स के दौरान में हेवी ब्लीडिंग
-सिरदर्द और माइग्रेन
-ब्रेस्ट में सूजन या दर्द
-मूड स्विंग्स
समाधान
-प्रोसेस्ड फूड और सोया प्रोडक्ट्स का कम सेवन
-रेगुलर एक्सरसाइज
-हर्बल सप्लीमेंट्स का सेवन
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4. इंसुलिन रेजिस्टेंस
इंसुलिन हार्मोन शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है. जब शरीर इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता, तो टाइप 2 डायबिटीज और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
लक्षण
-बार-बार भूख लगना
-पेट के आसपास चर्बी बढ़ना
-त्वचा पर काले धब्बे
समाधान
-हेल्दी डाइट जिसमें प्रोटीन और फाइबर ज्यादा हो
-मीठे और प्रोसेस्ड फूड से परहेज
-रेगुलर एक्सरसाइज
5. मेनोपॉज और हार्मोनल चेंजेज
40-50 की उम्र में मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में गिरावट आती है, जिससे कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं.
लक्षण
-हॉट फ्लैशेस
-नींद की कमी
-मूड स्विंग्स
-हड्डियों की कमजोरी
समाधान
-कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन
-योग और ध्यान
-डॉक्टर की सलाह से हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT)
