India Bangladesh Tension: भारत ने बांग्लादेश में कट्टरपंथ और अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता जताई, जिस पर बांग्लादेश ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उसने इसे आंतरिक मामला बताया और भारत की टिप्पणियों को अनुचित करार दिया.
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ढाका: भारत ने बांग्लादेश में कट्टरपंथ और अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर चिंता जताई थी, जिसपर मोहम्मद यूनुस का देश भड़क गया है. भारत के हालिया बयान पर बांग्लादेश ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. भारत की ओर से चुनाव, कानून-व्यवस्था और अल्पसंख्यक मुद्दों पर टिप्पणियों को बांग्लादेश ने उसका आंतरिक मामला बताया है. बांग्लादेश विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने एक प्रेस ब्रीफिंग में पत्रकारों से कहा, ‘भारत की ओर से ऐसी टिप्पणियां अनुचित हैं और किसी अन्य देश के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप के बराबर हैं. ये टिप्पणियां गुमराह करने वाली और वास्तविकता का गलत प्रतिबिंब हैं.’
मंत्रालय की साप्ताहिक ब्रीफिंग में प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश सभी देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत में दृढ़ विश्वास रखता है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भारत के साथ आपसी सम्मान, विश्वास और समझ के आधार पर मैत्रीपूर्ण और रचनात्मक संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने आगे कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार से जुड़े अधिकारी ऐसी टिप्पणियों को रोकने के लिए जरूर कदम उठाएंगे.
क्या बोला था भारत?
भारत ने 7 मार्च को बांग्लादेश में सभी मुद्दों को लोकतांत्रिक तरीके से और चुनाव कराकर हल करने पर जोर दिया था. नई दिल्ली में एक मीडिया ब्रीफिंग में भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि वे एक स्थिर, शांतिपूर्ण, समावेशी और प्रगतिशील बांग्लादेश का समर्थन करते हैं, जिसमें सभी मुद्दों को लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराकर हल किया जाए. प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में बांग्लादेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर भी चिंता जताई थी. बांग्लादेश में कई गंभीर अपराधों में सजा पाए आतंकियों की रिहाई भी हो रही है.
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हिंदुओं पर हमले पर क्या बोला भारत
भारत ने हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर कहा कि यह अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर भारत ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि बांग्लादेश हत्या, आगजनी और हिंसा के सभी दोषियों की पूरी तरह से जांच करेगा और उन्हें न्याय के कठघरे में बिना किसी भेदभाव के लाएगा. जायसवाल ने कहा, ‘विकास सहयोग बांग्लादेश के लोगों के साथ हमारे संबंधों का एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है. हाल की सुरक्षा स्थिति और लंबे समय से चले आ रहे स्थानीय मुद्दों ने इनमें से कुछ परियोजनाओं के कार्यान्वयन की गति को प्रभावित किया है.’
