आर्थिक मामलों के जानकार सुनील शाह का कहना है कि थोक ग्राहक के लिए डीजल के दाम 25 रुपये बढ़ने से सबसे पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट और परिवहन करने वाले वाहनों के लिए दाम बढ़ने के रूप में असर देखा जाएगा.
Diesel Price Hike Effect: रूस-यूक्रेन युद्ध का असर भारत में भी नजर आया है और डीजल के थोक दाम बढ़ा दिए गए हैं. तेल कंपनियों ने थोक ग्राहकों के लिए डीजल के रेट 25 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिए हैं. थोक ग्राहकों में मॉल और बस ऑपरेटर जैसे खरीदार शामिल हैं. इनके लिए मुंबई में नए रेट 122.05 रुपये और दिल्ली में 115 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं. रिटेल प्राइज में फिलहाल बढ़ोतरी नहीं की गई है.
थोक खरीदारों को झटका- 122 रुपये प्रति लीटर हुआ डीजल का दाम
मुंबई मे आम जनता के लिए डीजल के दाम 94 रुपये के करीब है तो थोक खरीददारों के लिए ये दाम 122 रुपये हो गया है. दिल्ली में डीजल के दाम 86 रुपये 67 पैसे है तो थोक खरीददारों के लिए 115 रुपये हो गया है. इसे यूक्रेन युद्ध का असर माना जा रहा है.
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आर्थिक मामलों के जानकार सुनील शाह का क्या है कहना
एबीपी न्यूज पर आर्थिक मामलों के जानकार सुनील शाह का कहना है कि थोक ग्राहक के लिए डीजल के दाम 25 रुपये बढ़ने से सबसे पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट और परिवहन करने वाले वाहनों के लिए दाम बढ़ने के रूप में इसका असर देखा जाने वाला है. इसका सीधा असर उत्पादों की ढुलाई के महंगे होने के रूप में आएगा. हालांकि इनके असर से रिटेल उत्पाद कितने महंगे होंगे, ये कुछ समय तक देखना होगा.
अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों का असर आया
हालांकि रिटेल ग्राहकों पर इसका असर नहीं आ रहा है और आज भी देश में अलग-अलग राज्यों और शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं. साफ तौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध का असर है कि देश में थोक ग्राहकों के लिए डीजल के दाम में इजाफा किया गया है. कच्चा तेल जो 130 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था और अब इसके दाम फिर से 100-110 डॉलर प्रति बैरल की रेंज में आ गए हैं तो आगे के लिए राहत हो सकती है लेकिन पिछली बढ़ी कीमतों का कुछ असर तो पास ऑन किया जाना ही था. इसीलिए कल डीजल के थोक रेट में इजाफा किया गया है.
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रेलवे पर भी आएगा असर- ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को राहत
सुनील शाह का कहना है कि रेलवे डीजल का बड़ा कंज्यूमर है और इस पर इन तेल कीमतों में बढ़ोतरी का प्रत्यक्ष असर आएगा. रेलवे द्वारा पहुंचाए जा रहे सामान और सेवाएं महंगी हो सकती हैं. हालांकि बल्क खरीदारों के लिए जो डीजल महंगा किया गया है उससे ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को थोड़ी राहत तो मिलेगी और इसका असर रिटेल ग्राहकों पर भी नहीं आएगा तो ये एक तरह से सरकार का बैलेंसिंग एक्ट है.