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क्या है ऑटोपायलट मोड जिसकी मदद से बिना ड्राइवर के चलती है कार, खुद से लगा देती है ब्रेक और हो जाती है पार्क

टेस्ला-tesla

ऑटोपायलट मोड एक तरफ विवादों में है तो वहीं अब तक इस मोड ने कई लोगों की जान भी बचाई है. टेस्ला अक्सर अपने इस मोड को प्रमोट करता है. लेकिन अब तक ये मोड गाड़ी को पूरी तरह सेल्फ ड्राइविंग सिस्टम में कंवर्ट नहीं कर पाया है.

कार हमेशा एक ड्राइवर की मदद से चलती है. यानी की ड्राइवर जिस तरह से गाड़ी को चलाएगा गाड़ी वैसी ही चलेगी. लेकिन अगर हम आपको यहां ये कहें कि अब कार को चलाने के लिए ड्राइवर की जरूरत नहीं है तो आपको झटका जरूर लगेगा. लेकिन ये बिल्कुल सच है. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का भविष्य इनोवेशन और आउट ऑफ द बॉक्स सोच पर निर्भर करता है. इलेक्ट्रिक गाड़ियों से लेकर पार्क असिस्ट तक, हर नई टेक्नोलॉजी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को एक कदम आगे रखा है. और इस सेक्टर में जब हम नई सोच या इनोवेशन की बात करते हैं तो दिमाग में सबसे पहले नाम टेस्ला का आता है. टेस्ला इस इंडस्ट्री के लिए एक क्रांति है.

लेकिन हाल ही में ये गाड़ी दो बार क्रैश हुई जिसके बाद इसके ऑटोपायलट मोड को लेकर सवाल उठने लगे. इस क्रैश में ये तो नहीं पता चल पाया कि, गाड़ी के दौरान ड्राइवर एक्टिव था या कार खुद ब खुद चल रही थी. लेकिन अगर इस कार की टेक्नोलॉजी में इतना ही दम है कि ये बिना ड्राइवर के भी चल सकती है, तो चलिए जानते हैं कि आखिर कैसे इसका ऑटोपायलट मोड काम करता है और गाड़ी किसी गलती से क्रैश हो सकती है.

क्या है टेस्ला का ऑटोपायलट?

टेस्ला का ऑटोपायलट एक ड्राइवर असिस्टिंग प्रोग्राम है जो टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियों को पूरी तरह से सेल्फ ड्राइविंग मशीन में बदल देता है. यानी की ड्राइवर अगर चाहता है कि वो अब गाड़ी को कंट्रोल न करे और मशीन खुद ब खुद गाड़ी चलाए तो वो इस मोड को एक्टिवेट कर वो आराम कर सकता है. वर्तमान फॉर्म में, ऑटोपायलट मोड टेस्ला की गाड़ियों को स्पीड कंट्रोल, आसपास की चीजों पर ध्यान रखना, गाड़ी को कंट्रोल करना, ब्रेक लगाना और पार्क करने की सुविधा देता है. बता दें कि ऑटोपायलट मोड को आपको टेस्ला के साथ अलग से प्लान में खरीदना पड़ता है.

टेस्ला की ये टेक्नोलॉजी रडार, अल्ट्रासोनिक सेंसर्स, कैमरा और जीपीएस की मदद से काम करती है. यानी की ड्राइवर के बिना भी ये गाड़ी चल सकती है. वहीं साल 2016 के बाद से बनाई गई टेस्ला की हर गाड़ी इस तरह के कंट्रोल्स के साथ आती है.

क्या कर सकता है ऑटोपायलट?

ट्रैफिक क्रूज कंट्रोल: इस फीचर की मदद से अगर आपकी गाड़ी एक स्पीड पर चल रही है तो वो खुद से स्पीड को एडजस्ट कर और आगे की गाड़ियों को देखकर एक सुरक्षित डिस्टेंस पर ब्रेक लगा देता है. ये फीचर आपके आगे की गाड़ियों को देखकर काम करता है.

ऑटो स्टीयर: ट्रैफिक को देखते हुए आपकी गाड़ी एक ही लेन में चले और दूसरी गाड़ियों से न भिड़े, ये फीचर इन सब चीजों को कंट्रोल करने में मदद करता है.

साइड से टकराने पर वॉर्निंग: गाड़ी चलते चलते अगर बगल वाली कार से ज्यादा करीब आ जाती है तो कार आपको तुरंत सतर्क कर देगी. यानी की ऐसा कभी भी होने पर आपके पास अलर्ट आ जाएगा.

ऑटो लेन बदलना: इस फीचर की मदद से आपकी गाड़ी ऑटोमेटिक तरीके से दूसरे लेन में चली जाएगी. तो वहीं कई बार जगह न मिलने पर भी ये जगह देखकर खुद से ही दूसरे लेन में शिफ्ट हो जाएगी.

ऑटोपार्क: कम स्पीड में जहां जगह खाली दिखेगी ये गाड़ी अपने आप से ही गाड़ी को पार्क कर देगी.

कई सारे सेंसर्स की मदद से ऑटोपायलट मोड करता है काम

टेस्ला ने अपनी गाड़ियों में इस मोड को बेहतर ढंग से काम करने के लिए कई सारे सेंसर्स लगाए हैं. इसमें आगे पीछे और साइड में कुल 8 सेंसर्स लगे हैं जो सबकुछ नोट कर ड्राइवर को तुरंत अलर्ट करते हैं. वहीं इसमें आपको एक फॉरवर्ड लुकिंग रडार भी लगा होता है जिसकी मदद से 160m आगे चल रही गाड़ी को टेस्ला देख लेता है और आगे वाली गाड़ी से कोई भी खरता होने पर अपने आप को कंट्रोल कर लेता है. इसके अलावा आपको टेस्ला में सोनर सेंसर भी मिलता है जो 360 डिग्री काम करता है और 8 मीटर के रेडियस में कोई भी खतरे को भांप लेता है. यानी की साइड में कोई जानवर या छोटा बच्चा तो नहीं है. वहीं जीपीएस की मदद से गाड़ी के रोड पोजिशन को डिटेक्ट करती है.

क्या ये मोड टेस्ला को पूरी तरह सेल्फ ड्राइविंग व्हीकल बनाता है?

फिलहाल टेस्ला ऑटोपायलट को पूरी तरह से गाड़ी को सेल्फी ड्राइविंग सिस्टम में कंवर्ट नहीं कर पाया है. इसके अलावा इसे लेवल 2 ऑटोमेटेड सिस्टम कहा जा सकता है. इसका मतलब ये हुआ कि टेस्ला की गाड़ियां स्पीड कंट्रोल और स्टीयरिंग कंट्रोल कर सकती हैं लेकिन पूरी तरह आपकी गाड़ी को कंट्रोल नहीं कर सकती है. यानी की आप इसे खुद ब खुद चलाने के लिए छोड़ सकते हैं लेकिन ड्राइवर सीट पर हमेशा एक व्यक्ति होना चाहिए क्योंकि अब तक ये 100 प्रतिशत फुलप्रूफ नहीं हो पाया है.

टेस्ला और विवाद

हाल ही में टेस्ला को लेकर कई सारे विवाद भी देखने को मिले हैं जिसमें इसका ऑटोपायलट सबसे ऊपर है. यानी की गाड़ी कई बार क्रैश भी हुई है लेकिन अब तक ये पता नहीं चल पाया है कि, उस दौरान गाड़ी ऑटोपायलट पर थी या ड्राइवर चला रहा था. वहीं आज ही नॉर्वे का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक ड्राइवर नशे में गाड़ी चला रहा था. ऐसे में गाड़ी ऑटोपायलट पर थी और तुरंत टेस्ला ने इसे डिटेक्ट कर ड्राइवर की जान बचा ली. गाड़ी खुद ब खुद धीमी होकर साइड में जाकर रुक गई.

हीं इससे पहले एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें सड़क पर चल रही टेस्ला आसमान के चांद को डिटेक्ट कर लेती और उसे ट्रैफिक लाइट समझकर बार बार ये ड्राइवर को गाड़ी धीमा करने के लिए अलर्ट जारी करती है. लेकिन इसके अलावा इस गाड़ी की मशहूरता इसी बाद से लगाई जा सकती है कि, आज दुनिया में टेस्ला की बिक्री टॉप पर है और कई लोग इसे खरीद रहे हैं. वहीं भारत में टेस्ला मॉडल 3 को लॉन्च करने के लिए कंपनी के मालिक एलन मस्क कड़ी मेहनत कर रहे हैं. शोरूम और प्लांट लगाने के लेकर उनकी बात भी पक्की हो गई है लेकिन गाड़ी पर टैक्स को लेकर फिलहाल सरकार के साथ बातचीत हो रही है.

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