तोक्यो
ओलिंपिक शुरू होने से पहले विनेश फोगाट भारत की सबसे बड़ी उम्मीद थी। देशवासियों को पूरी आशा थी कि यह महिला पहलवान कमाल करेगी, लेकिन ऐसा हो न सका। जब सुबह-सुबह हॉकी से खुशखबरी आ रही थी तभी विनेश फोगाट की हार ने सभी को सन्न भी कर दिया। हालांकि अंतिम आस बाकी थी, लेकिन वेनेसा के फाइनल में न पहुंचने से वह भी धूमिल हो गई।
रोपचेज में था मौका
दरअसल, हरियाणा की यह छोरी फ्रीस्टाइल कुश्ती के 53 किग्रा भार वर्ग में ताल ठोक रही थी। पहला मैच जीतने के बाद माकुहारी मेसे हॉल के मैट-बी पर हुए क्वार्टर फाइनल मैच में विनेश का सामना दो बार की विश्व चैंपियन से हुआ। यहां बेलारूस की वेनेसा कालाजिंसकाया ने 9-3 से हराया। वेनेसा अगर फाइनल में पहुंचती तो विनेश को रेपेचेज खेलने का मौका मिलता और वह रेपेचेज के दो मैच जीतकर कांस्य पदक जीत सकती थी, लेकिन वेनेसा को सेमीफाइनल में चीनी पहलवान पैंग ने हरा दिया।
विनेश ने की थी शानदार शुरुआत
आज यानी पांच अगस्त को विनेश ने अपने ओलिंपिक सफर का शानदार आगाज किया। राउंड ऑफ-8 मुकाबले में उन्होंने स्वीडन की सोफिया मैगडालेना मैटसन को 7-1 से रौंदा। 2016 के रियो ओलिंपिक में विनेश क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई थी। तब बाउट के दौरान उनका घुटना फ्रैक्चर हो गया था और वह कराहते हुए मैट से लौटी थीं। इस बार उनकी तैयारियां पहले ज्यादा पुख्ता थी, लेकिन मेडल के लिए मेडल के लिए अब 2024 पेरिस ओलिंपिक का इंतजार करना पड़ेगा।
अंशु का भी सफर खत्म
चार अगस्त को क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद भारत की एक अन्य महिला पहलवान अंशु मलिक को भाग्य का साथ मिला था, क्योंकि उसी रेपचेज के तहत उन्हें आज दूसरा मौका मिला, लेकिन सुबह-सुबह वह अपना रेपेचेज-1 मुकाबला हार गईं। हालांकि महाबली बजरंग पूनिया ने भी तक अपने सफर का आगाज नहीं किया है। वह छह अगस्त को पहला बाउट खेलेंगे। इससे पहले भारत ने पुरुष कुश्ती में एक रजत पक्का कर लिया है। अब से कुछ ही देर बाद रवि दहिया फाइनल में उतरेंगे। जबकि दीपक पूनिया के पास भी आज कांस्य पदक जीतने का मौका है।