हरिद्वार में हुए कुंभ मेले में शामिल होने के लिए नकली कोविड-19 रिपोर्ट बनाकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate(ED) ने शुक्रवार को दिल्ली से लेकर देहरादून तक कई प्राइवेट लैब्स और उनके निदेशकों के ठिकानों पर छापेमारी की।
ईडी ने एक बयान में कहा है कि नोवस पैथ लैब्स, डीएनए लैब्स, मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज, डॉ लाल चांदनी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड और नलवा लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालयों और देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली, नोएडा और हिसार में उनके निदेशकों के आवासीय ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। ईडी ने कहा कि उसने छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, फर्जी बिल, लैपटॉप, मोबाइल फोन और संपत्ति के दस्तावेज और 30.9 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं।
ईडी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी ने यह मुकदमा उत्तराखंड पुलिस द्वारा इस बारे में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर दर्ज किया था। ईडी को इस मामले में अब तक हुई जांच के आधार पर पता चला है कि उपरोक्त लैबों को उत्तराखंड सरकार द्वारा कुंभ मेला 2021 के दौरान कोविड-19 के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट और आरटी-पीसीआर टेस्ट करने का ठेका दिया गया था। एजेंसी ने कहा कि इन प्रयोगशालाओं ने शायद कोविड-19 की कोई जांच की हो और जांच के लिए फर्जी एंट्री की और अवैध वित्तीय लाभ अर्जित करने के लिए फर्जी बिल बनाये।
ईडी ने के अनुसार लैब्स को उत्तराखंड सरकार से आंशिक भुगतान के रूप में 3.4 करोड़ रुपये पहले ही मिल चुके हैं। एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में पाया गया कि इन प्रयोगशालाओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली यह थी कि उन्होंने बिना कोरोना वायरस जांच की बढ़ी हुई संख्या दिखाने के लिए एकल मोबाइल नंबर या झूठे मोबाइल नंबर, एकल पते या एक ही नमूना रेफरल फॉर्म (एसआरएफ) का इस्तेमाल किया।
ईडी ने कहा कि इन लैब्स द्वारा झूठी नकारात्मक जांच के कारण, उस समय हरिद्वार में संक्रमण दर वास्तविक 5.3 प्रतिशत के मुकाबले 0.18 प्रतिशत थी। बता दें कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक कुंभ मेला एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक उत्तराखंड राज्य में आयोजित किया गया था।