भारत ने टोक्यो ओलिंपिक में एक स्वर्ण,दो रजत और चार कांस्य सहित कुल सात पदक जीते। यह ओलिंपिक में देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले 2012 लंदन ओलिंपिक में भारत को दो रजत और चार कांस्य के साथ छह पदक मिले।
टोक्यो ओलिंपिक में भारत के भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, अभिनव बिंद्रा के बाद किसी व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए।
वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। 21 साल बाद उन्होंने भारत को भारोत्ताेलन में पदक दिलाया। इससे पहले 2000 सिडनी ओलिंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था।
रवि दहिया ओलिंपिक में कुश्ती में रजत पदक जीतने वाले दूसरे पहलवान बने। इससे पहले सुशील कुमार ने भी 2012 लंदन ओलिंपिक में रजत पदक जीता था।
टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू ने कांस्य पदक जीतकर लगातार दूसरे ओलिंपिक में पदक अपने नाम किया। वह सुशील कुमार के बाद ऐसा करने वाली दूसरी भारतीय बनीं। रियो ओलिंपिक में वह रजत पदक जीती थीं।
टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य पदक अपने नाम किया। मुक्केबाजी में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली तीसरी भारतीय खिलाड़ी हैं। इससे पहले यह करनामा विजेंद्र सिंह (2008) और एमसी मेरी कोम (2012) कर चुके हैं।
भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया का स्वर्ण पदक जीतने का सपना तो पूरा नहीं हो पाया, लेकिन वह टोक्यो में कांस्य पदक अपने नाम करने में सफल रहे। इस ओलिंपिक में वह रवि दहिया के अलावा पदक जीतने वाले अन्य भारतीय पहलवान रहे।
टोक्यो ओलिंपिक में भारत की मेंस हाकी टीम ने चार दशकों का सूखा खत्म करते हुए मेडल जीता। टीम को कांस्य पदक मिला। ओलिंपिक में हाकी में यह भारत का 12वां मेडल था।