बरसात के मौसम में आप सभी ने भुट्टा या मक्के का स्वाद जरूर चखा होगा. आयुर्वेद में मक्का या कॉर्न के कई औषधीय गुण बताए गए हैं. कॉर्न बाजार में कई प्रकार के रंगों में आता है, जिसमें नारंगी, लाल, नीला, बैंगनी, सफेद और काले रंग का भी कॉर्न बाजार में आते हैं. बताया जाता है कि कॉर्न की उत्पत्ति दक्षिणी मेक्सिको में हुई थी. कॉर्न के छोटे-छोटे बीजों में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं.
आयुर्वेद के अनुसार कॉर्न दिल की पेशियों को एक्टिव करता है और ब्लड प्रेशर की गती को बढ़ाता है. यह यूरिन संबधी शिकायतों में काफी कामगार साबित होता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है. आयुर्वेद के अनुसार कॉर्न से खांसी का इलाज किया जा सकता है. अगर आप मौसम में बदलाव के कारण खांसी से परेशान हैं तो औप कॉर्न के सेवन से खांसी को कम कर सकते हैं.
कॉर्न के हेल्थ बेनेफिट
इंस्टैंट एनर्जी के लिएः कॉर्न में काफी भारी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. जो धीमी गति से पचता है, जिसके परिणामस्वरूप लंबे समय तक शरीर को ऊर्जा मिलती है. कॉर्न ऐसे व्यक्ति के लिए एकदम सही है जो एक एथलीट है या जिम में एक्सरसाइज करना पसंद करता है. इसके इस्तमाल से उन्हें और ऊर्जा मिलेगी.
वजन बढ़ाने में सहायकः कॉर्न का इस्तेमाल वजन बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है. ऐसे लोग जो अपने कम वजन से परेशान हैं और इसे बढ़ाना चाहते हैं वह कॉर्न का सेवन कर सकते हैं. इसके साथ ही कॉर्न के पौष्टिक गुणों के कारण शरीर की कमजोरी भी दूर होती है.
एनीमिया के इलाज में सहायकः कॉर्न में पाए जाने वाली फोलिक एसिड, विटामिन बी 12 और आयरन शरीर में अधिक लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है. इसके जरिए शरीर को ताजा लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करके, यह एनीमिया के खतरे को कम करने में मदद करता है.
हेल्थी स्किन की रक्षा करने मेंः कॉर्न में विटामिन सी होता है जो कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाता है और त्वचा को अल्ट्रावायलेट किरणों से होने वाले नुकसान से बचाता है.
ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करने मेंः स्वीट कॉर्न और कॉर्न ऑयल डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल के रोगियों के लिए बेहतरीन विकल्प हैं. यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और इंसुलिन को भी नियंत्रित करता है.