Scrappage Policy: आज देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज पॉलिसी का शुभारंभ किया. गुजरात इंवेस्टमेंट समिट के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पीएम मोदी ने इस पॉलिसी की लॉन्चिंग की. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौजूदगी में हुए इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि स्क्रैपेज पॉलिसी के तीन उसूल हैं Re-use, Recycle और Recovery. इस पॉलिसी से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश मिलने की उम्मीद भी उन्होंने जताई.
अगले 25 साल महत्वपूर्ण
PM मोदी ने कहा कि कि देश के लिए पॉलिसी के लिए अगले 25 वर्ष महत्वपूर्ण रहेंगे. हमें ग्रोथ के साथ पर्यावरण का भी ख्याल रखना होगा. उन्होंने कहा कि हाइवे के निर्माण में भी इन दिनों वेस्ट पदार्थों का इस्तेमाल हो रहा है. इसी तरह पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने से सर्टिफिकेट मिलेगा जिसे दिखाकर ली जानेवाली नई गाड़ी पर रजिस्ट्रेशन फी नहीं लगेगी. साथ ही रोड टैक्स में भी छूट मिलेगी. पुरानी गाड़ियों से एक्सिडेंट का खतरा होता है, पुरानी गाड़ियां ही नहीं रहेंगी तो सड़क दुर्घटना में भी बड़े स्तर पर कमी आएगी.
स्क्रैप के कारोबार से जुड़े छोटे कारोबारियों को भी इस पॉलिसी का बड़ा लाभ मिलेगा. साथ ही ऑटो इंडस्ट्री को भी बड़ा फायदा होगा. स्क्रैप से जुड़े सेक्टर को पॉलिसी से नई ऊर्जा मिलेगी. पीएम मोदी पॉलिसी को आत्मनिर्भर भारत को गति देने के लिए उठाया गया बड़ा कदम करार दिया. साथ ही ये भी कहा कि विकास को पर्यावरण के अनुकूल बनाना हमारी प्राथमिकता है. ऑटो इंडस्ट्री के हरसंभव मदद देने के लिए सरकार तैयार है.
क्या है पॉलिसी
ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज पॉलिसी (National Automobile Scrappage Policy) के तहत ऐसी गाड़ियों को स्क्रैप यानी कबाड़ करने का प्रबंध होगा जो रजिस्ट्रेशन से 15 साल से ज्यादा पुरानी हैं. इसमें सरकारी और कमर्शियल दोनों गाड़ियां शामिल हैं. इसी तरह प्रायवेट गाड़ियों के लिए टाइम लिमिट 20 साल की दी गई है. अगर पुरानी गाड़ियों को फिर से रि-रजिस्ट्रेशन करने के लिए उसका फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा. इस फिटनेस टेस्ट में गाड़ी से निकलनेवाले धुंए, गाड़ी की हालत और सेफ्टी से जुड़े पहलुओं की जांच करने के बाद ही फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा. अगर गाड़ी फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पाती है तो इसे स्क्रैप करने के लिए कहा जाएगा.