Term Insurance: बीमा केवल एक खर्च नहीं है, यह एक सुरक्षा कवर भी है. भारत में अभी तक केवल 3.7 फीसदी लोगों के पास बीमा है. मतलब अभी भी भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा बिना बीमा कवर के है. बीमा नहीं खरीदना अपने प्रियजनों के साथ अन्याय है. खासकर कोरोना जैसे समय में टर्म इंश्योरेंस आपके परिवार की आर्थिक मदद कर सकेगा. इसलिए न केवल अपने लिए बल्कि अपने परिवार के लिए सही टर्म इंश्योरेंस लेने से न चूकें. अब सवाल यह है कि टर्म इंश्योरेंस कैसे चुनें और यह क्यों जरूरी है?
टर्म इंश्योरेंस क्यों होना चाहिए?
टर्म इंश्योरेंस एक बुनियादी जीवन बीमा पॉलिसी है, जो आपको सुरक्षा का कवर देती है. कई बार लोग टर्म प्लान इसलिए टाल देते हैं, क्योंकि वे इसे खर्चा समझते हैं, लेकिन इसका प्रीमियम महंगा नहीं होता. यह सिर्फ 400 रुपये से शुरू होता है और एक अच्छा लाइफ कवर मिलता है. बीमित व्यक्ति की अचानक मृत्यु होने की स्थिति में, परिवार को संपूर्ण बीमा राशि अर्थात बीमा राशि प्राप्त होती है.
टर्म इंश्योरेंस का कवर कैसे तय करें?
अपनी आय के आधार को समझें और उसके आधार पर बीमा कवर का फैसला करें. जानकारों का मानना है कि आमदनी के 15-20 गुना का जीवन बीमा होना चाहिए. उम्र के हिसाब से कवर भी तय किया जा सकता है. अगर आपकी उम्र 30 साल से कम है तो आमदनी का 25-30 गुना कवर लें. अगर आपकी उम्र 30-45 साल के बीच है तो आमदनी का 15-20 गुना और अगर 45 साल से ऊपर है तो आमदनी का 10 गुना बीमा कराएं. यह अनुमान लगाना भी महत्वपूर्ण है कि आपकी आय पर कितने लोग निर्भर हैं.
यदि आप इसे कम उम्र में लेते हैं, तो होगा ज्यादा लाभ
टर्म इंश्योरेंस जल्दी खरीदना समझदारी है. कम उम्र में, आप सस्ते प्रीमियम पर बीमा को लॉक कर पाएंगे. कम उम्र के लोगों का प्रीमियम कम होता है. एक बार भुगतान किया गया प्रीमियम हमेशा नियत रहेगा. इसलिए, आप जितनी जल्दी टर्म इंश्योरेंस खरीदेंगे, आपको उतना ही अधिक लाभ होगा.
बेहतर होगा ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस खरीदें
- ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस खरीदने पर किसी बिचौलिए को कमीशन नहीं देना पड़ता है.
- ऑनलाइन खरीदने से आपके लिए प्रीमियम की लागत कम हो जाती है और बीमा सस्ता हो जाता है.
- अगर आप ऑनलाइन खरीदते हैं तो सारी डिटेल आप खुद भरते हैं, इसलिए गलती की गुंजाइश कम होती है.
- क्लेम के समय ऑनलाइन सेटलमेंट भी किया जा सकता है. इसके लिए आप केवल ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
- ऑनलाइन क्लेम का निपटारा भी जल्दी होता है.
- आपको कुछ दस्तावेज जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, केवाईसी और बैंक खाता विवरण जमा करना होगा.
- दावा राशि सीधे आपके बैंक खाते में जमा हो जाती है.