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झारखण्ड

झारखंड में चार दर्जन डॉक्‍टर नौकरी से निकाले जाएंगे, सिविल सर्जनों की रिपोर्ट पर हो रही कार्रवाई; जानें इसकी बड़ी वजह

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झारखंड में योगदान देकर ड्यूटी से गायब रहनेवाले नवनियुक्त चिकित्सक हटाए जाएंगे। वैसे चिकित्सकों को भी आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी, जो लंबे समय से अनुपस्थित हैं। फिलहाल विभाग ने नव नियुक्त चिकित्सकों को योगदान देने का अंतिम मौका दिया है। योगदान नहीं देने पर सभी कार्यमुक्त किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों से वैसे चिकित्सकों से रिपोर्ट मंगाई है जो अनधिकृत रूप से ड्यूटी से गायब हैं। यह बात सामने आई है कि राज्य भर में लगभग चार दर्जन नवनियुक्त चिकित्सक हैं, जो योगदान देने के बाद ड्यूटी से गायब हैं।

झारखंड लोक सेवा आयोग की अनुशंसा पर इनकी नियुक्ति पिछले साल हुई थी तथा इन सभी को 18 जनवरी 2021 तक योगदान देने को कहा गया था। बाद में समय सीमा बढ़ाते हुए इन्हें 18 फरवरी 2021 तक योगदान देने का अवसर प्रदान किया गया। इसके बावजूद योगदान नहीं देने पर विभाग ने इन्हें 30 सितंबर तक योगदान देने का अंतिम अवसर प्रदान दिया है। यदि इस अवधि तक चिकित्सक अपने पदस्थापन स्थल पर योगदान नहीं देते हैं तो इनकी नियुक्ति को रद करने की कार्रवाई की जाएगी।

डेढ़ साल में 148 डाक्टरों की नियुक्ति हुई रद

राज्य में पिछले डेढ़ साल में 148 चिकित्सकों की नियुक्ति उनके योगदान नहीं देने के कारण रद हुई। झारखंड लोक सेवा आयोग से अनुशंसित इन चिकित्सकों ने नियुक्ति के बाद भी योगदान नहीं दिया था। सबसे पहले, नवंबर-दिसंबर 2019 में 128 गैर शैक्षणिक विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति रद हुई। इन सभी की नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2015, वर्ष 2017 तथा 2018 में हुई थी। राज्य सरकार ने 25 जून 2020 को मेडिकल कालेजों में नियुक्त किए गए 20 चिकित्सकों की नियुक्ति पिछले दिनों रद की। इन सभी चिकित्सकों ने भी नियुक्ति के बाद योगदान नहीं दिया था।

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