Patna: जून 2021 में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एक सवाल के जवाब में ये भरोसा दिया था कि दिवाली तक बिहार के प्राथमिक विद्यालयों में सवा लाख शिक्षकों का नियोजन हो जाएगा. दावा तो ये भी था कि साल 2021 की दिवाली की मिठाई वो सरकारी वेतन से ही खरीद कर खाएंगे, लेकिन इन दावों की पोल सिर्फ दो महीनों में ही खुल गई.
ये बात सही है कि छठे दौर के शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस नियोजन प्रक्रिया का दो दौर पूरा हो चुका है, लेकिन चयनित अभ्यर्थियों का भी नियोजन धांधली के आरोप में रद्द कर दिया गया है. दरअसल, कुछ दिन पहले बांका में दो नियोजन इकाई की कांउसिलिंग रद्द कर दी गई. ऐसे में बीएड, एसटीइटी, बीटीइटी पास अभ्यर्थी हर तरह से निराश हो रहे हैं.
बता दें कि 91 हजार पदों के लिए नियोजन प्रक्रिया का दूसरा दौर पूरा हो चुका है और तीसरे दौर का नियोजन शुरू होने वाला है. लेकिन कभी धांधली, कभी दूसरी वजहों से शिक्षकों को बहाली करने की रफ्तार काफी धीमी है. इधर, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी का कहना है कि नियोजन का काम धीमा है लेकिन किसी को निराश होने की जरूरत नहीं है.
शिक्षक नियोजन पर अपडेट
- जुलाई में छठे दौर के शिक्षक नियोजन हुआ, लेकिन मुजफ्फरपुर जिले की कुछ नियोजन इकाई में धांधली की खबर के बाद कांउसिलिंग रद्द कर दी गई.
- अगस्त में छठे दौर के दूसरे दौर का शिक्षक नियोजन हुआ, लेकिन बांका के अमरपुर और शंभुगंज प्रखंड में हुई काउंसिलिंग को रद्द कर दिया गया.
- छठे दौर में क्लास एक से लेकर बारह तक 1 लाख 21 हजार शिक्षकों का नियोजन होना है. अब इसके पूरे होने में साल 2021 बीत सकता है.
- शिक्षा विभाग ने छठे दौर का नियोजन पूरा होने के बाद ही सातवें दौर के नियोजन की बात कही है यानि इसके तहत होने वाले 37 हजार शिक्षकों की बहाली के लिए मार्च 2022 तक का इंतजार करना पड़ेगा.