प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement directorate) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप और 3316 करोड़ रुपये के नुकसान के लिए 12 अगस्त को पृथ्वी इंफॉर्मेशन सॉल्यूशंस लिमिटेड के एमडी वुप्पलपति सतीश कुमार को गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली:
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement directorate) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप और लगभग 3316 करोड़ रुपये के नुकसान के लिए 12 अगस्त को पृथ्वी इंफॉर्मेशन सॉल्यूशंस लिमिटेड (Prithvi Information Solutions Limited) के एमडी वुप्पलपति सतीश कुमार को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने वीएमसी सिस्टम्स लिमिटेड (VMCSL) की एमडी हिमा बिंदू बी की मिलीभगत से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 3316 करोड़ का नुकसान पहुंचाया.
ईडी ने वीएमसी सिस्टम्स लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की है. वीएमसीएसएल ने कई बैंकों से लोन लिया था और सभी बैंकों का वर्तमान बकाया 3316 करोड़ है. फोरेंसिक ऑडिट से खुलासा हुआ कि वीएमसीएसएल ने अपने खातों में लेनदेन दिखाने के लिए कई संस्थाओं को लोन दिया.
साथ ही फोरेंसिक ऑडिट ने खुलासा किया है कि वीएमसीएसएल ने नकली और डमी संस्थाओं के नाम पर उनमें 692 करोड़ रुपये जमा दिखाए, जिन्हें बाद में ट्रांसफर कर दिया गया था. वी सतीश कुमार ने अपनी कंपनी पीआईएसएल और एन्नार एनर्जी लिमिटेड के माध्यम और अपनी बहन वीएमसीएसएल की एमडी हिमा बिंदू बी की मदद से बैंकों को चकमा देने के लिए अपने परिवार द्वारा चलाई जा रही कंपनी में खरीद फरोख्त का फर्जी लेनदेन दिखाया.
हालांकि वी सतीश कुमार ने दावा किया कि उनका वीएमसीएसएल के एनपीए से कोई संबंध नहीं था, लेकिन इसी साल 20 जुलाई को की गई तलाशी के दौरान उनके आवास से वीएमसीएसएल की 40 से अधिक हार्ड डिस्क बरामद की गई.
डिजिटल उपकरणों की फोरेंसिक जांच में पाया गया कि वह बेनामी लेनदेन में शामिल थे और धोखाधड़ी की रकम को डमी कंपनियों में ट्रांसफर किया गया. वह जांच के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे और किसी न किसी बहाने अपनी खुद की व्यावसायिक कंपनियों के दस्तावेज नहीं दे रहे थे. उन्हें 12 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था और कोर्ट ने उसे 10 दिन की ईडी की रिमांड पर भेज दिया है, इससे पहले, हिमा बिंदू को मनी लांड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया गया था.