पी-नोट्स रजिस्टर्ड फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स की ओर से विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते है. ये नोट्स भारतीय मार्केट में रजिस्टर्ड हुए बिना उन्हें शेयर बाजार में निवेश का मौका देते हैं.
कैपिटल मार्केट में पी-नोट्स ( P-notes) के जरिये निवेश में काफी बढ़ोतरी हुई है. जुलाई के आखिर तक पार्टिसिपेटरी नोट्स ( P-notes) के जरिये निवेश 1.02 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया. पिछले 40 महीनों के दौरान यह पी-नोट्स के जरिये निवेश का सर्वोच्च स्तर है. लगातार चौथे महीने पी-नोट्स के जरिये निवेश में बढ़ोतरी हुई है. पी-नोट्स रजिस्टर्ड फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स ( FPI)की ओर से विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते है. ये नोट्स भारतीय मार्केट में रजिस्टर्ड हुए बिना उन्हें शेयर बाजार में निवेश का मौका देते हैं. हालांकि उन्हें ड्यू डिलिजेंस प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ता है.
जुलाई में 1,01,798 करोड़ रुपये का निवेश
सेबी के डेटा के मुताबिक जुलाई के आखिर तक 2021 तक पी-नोट्स के जरिये भारतीय बाजार में इक्विटी, डेट और हाइब्रिड सिक्योरिटीज को मिलाकर, कुल 1,01,798 करोड़ का निवेश हुआ था. 30 जून तक यह निवेश 92,261 करोड़ रुपये का था. जुलाई के आखिर तक पी-नोट्स के जरिये 1,01,798 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. इनमें से 93,150 करोड़ रुपये का निवेश शेयरों में हुआ . वहीं डेट में 8,290 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, जबकि हाइब्रिड सिक्योरिटीज में 358 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.
भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है
मार्च 2018 के बाद पी-नोट्स के जरिये सबसे ज्यादा निवेश जुलाई 2021 में हुआ है. जुलाई में इसके जरिये 1,06,403 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि पी-नोट्स के जरिये निवेश का बढ़ना यह साबित करता है भारतीय पूंजी बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है. जुलाई के आखिर तक एफपीआई की पास 48.36 लाख करोड़ रुपये की संपति थी, जबकि जून के आखिर में यह संपत्ति 48 करोड़ रुपये की थी.