कोहिमा. नगालैंड सरकार ने शनिवार को एक अनूठा फरमान जारी करते हुए कहा कि नागरिक सचिवालय और निदेशालय कार्यालयों में तैनात ऐसे कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाएगा जिन्होंने कोविड-19 रोधी टीका नहीं लगवाया होगा. इसके अलावा प्रत्येक 15 दिनों में कोविड की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही उन्हें ड्यूटी पर आने दिया जाएगा. नगालैंड के मुख्य सचिव जे आलम ने इस संबंध में एक आदेश जारी कर कहा कि कोविड-19 पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के हित में शुक्रवार को यह निर्णय लिया.
आदेश के मुताबिक नगालैंड सिविल सचिवालय और निदेशालयों के सभी कर्मचारियों को कार्यालय में उपस्थित होने के लिए अनिवार्य रूप से कोविड-रोधी टीका लगवाना होगा अथवा प्रत्येक 15 दिन में कोविड-19 की निगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी
आदेश के मुताबिक कोविड-19 रोधी टीके की एक भी खुराक नहीं लेने वाले अथवा निगेटिव रिपोर्ट नहीं दिखाने वाले कर्मचारियों का 31 जुलाई के बाद वेतन रोक दिया जाएगा और वे कार्यालय भी नहीं आ सकेंगे. ऐसे कर्मचारियों की अनुपस्थिति की अवधि के लिए उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा.
दूसरी ओर, नगालैंड में एक बार फिर कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं. राज्य में शुक्रवार को 95 नए मामले आने से संक्रमितों की संख्या 26,476 जबकि तीन और लोगों की मौत हो जाने से मृतक संख्या 519 हो गई. लगातार चौथे दिन संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई और संक्रमण दर 10.83 प्रतिशत हो गई, जबकि राष्ट्रीय औसत 2.6 प्रतिशत है.
कोहिमा में 47, त्वेनसांग में 13, मोकोकचुंग में 11, दीमापुर में नौ, लोंगलेंग में छह मामले आए. राज्य में एकीकृत रोग निगरानी परियोजना के नोडल अधिकारी डॉ न्येनथुंग किकोन ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान 61 लोग ठीक हो गए. राज्य में अब तक 24,145 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं. अब तक कुल 2,44,460 नमूनों की जांच की गई.