नई दिल्ली, पीटीआइ। देश की प्रमुख एयरलाइन गो एयरलाइंस जिसने खुद को ‘Go First’ के तौर पर रिबांड कर लिया है, उसे 3,600 करोड़ रुपये के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव के लिए बाजार नियामक संस्था सेबी की मंजूरी मिल गई है। ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार, ‘Go First’ शेयरों की बिक्री के माध्यम से 3,600 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही यह कंपनी Pre-IPO (Initial Public Offring) प्लेसमेंट के जरिए 1,500 करोड़ रुपये जुटाएगी। मसौदा प्रस्ताव दस्तावेजों की प्रसंस्करण स्थिति पर सेबी के नवीनतम अपडेट के अनुसार, मई में IPO के लिए अपने प्रारंभिक कागजात दाखिल करने वाली वाहक ने 26 अगस्त को अपनी टिप्पणियां प्राप्त की थीं और यह जानकारी 27 अगस्त को अपडेट की गई और सोमवार को सार्वजनिक की गई।
सेबी के अनुसार, अवलोकन जारी करने का मतलब IPO के लिए आगे बढ़ना है। जून में सेबी ने शुरुआती शेयर बिक्री के लिए गो एयरलाइंस के ड्राफ्ट पेपर की प्रोसेसिंग पर रोक लगा दी थी। DRHP के अनुसार, नेट IPO के जरिए एयरलाइन की योजना 2,015.81 करोड़ रुपये से अधिक का उपयोग पूर्व-भुगतान या सभी या कुछ बकाया उधारों के निर्धारित पुनर्भुगतान के लिए है।
कंपनी के द्वारा 279.26 करोड़ रुपये की राशि “क्रेडिट के प्रतिस्थापन के लिए होगी, जो कुछ विमान पट्टेदारों को पट्टे के किराये के भुगतान और विमान के भविष्य के रखरखाव को नकद जमा के साथ जारी करने के लिए हैं।” इसके अलावा, कंपनी ने DRHP के अनुसार, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को आपूर्ति किए गए ईंधन के लिए 254.93 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने की योजना बनाई है।
कंपनी में वाडिया ग्रुप के 73.33 फीसद शेयर हैं, जबकि बाकी के शेयर अन्य लोगों के पास हैं, जिसमें Baymanco Investments Ltd भी शामिल है जिसके पास 21.05 फीसद शेयर हैं। इसके अलावा इसमें सी विंड इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड कंपनी के 3.76 फीसद शेयर, हीरा होल्डिंग्स एंड लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड, निधिवन इंवेस्टमेंट्स एंड ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और सहारा इंवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के 0.62 फीसद शेयर शामिल हैं।
इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, सिटी और मॉर्गन स्टेनली हैं।