ठीक से काम और विकास के लिए शरीर में हार्मोन लेवल का संतुलन जरूरी है. अगर आप हार्मोन असंतुलन से जूझ रहे हैं, तो ये संकेत हो सकता है कि आप में पोषक तत्वों की कमी है. असंतुलन का मतलब है शरीर में या तो कोई हार्मोन ज्यादा बनता है या फिर बहुत कम. आवश्यक पोषक तत्वों को हासिल कर शरीर में हार्मोन लेवल का संतुलन बनाया जा सकता है.
हार्मोन्स क्या हैं?
हार्मोन शरीर का केमिकल मैसेंजर है, और शारीरिक, मानसिक भावनात्मक स्वास्थ्य का जिम्मेदार. संपूर्ण शरीर के कामकाज जैसे भूख, ब्लड प्रेशर, मेटाबोलिज्म, स्लीप साइकिल के साथ-साथ शरीर के सामान्य विकास, मूड और ऊर्जा लेवल का नियंत्रण के लिए आवश्यक है. हार्मोन आपके वजन को भी प्रभावित करता है. ये आपके शरीर के सभी सिस्टम की बुनियाद है.
लेवल को कैसे संतुलित कर सकते हैं?
विटामिन डी- विटामिन डी एक ऐसा हार्मोन है जो आपके दूसरे हार्मोन्स के साथ उन सभी को संतुलित करने के लिए संवाद करता है. लेकिन विटामिन डी की कमी से एस्ट्रोजेन लेवल कम हो सकता है, जिससे डिप्रेशन, मूड में बदलाव और अचानक बुखार वाली गर्मी का एहसास हो सकता है. सालमन, मछली, पनीर, अंडे की जर्दी, मशरूम जैसे कुछ फूड्स विटामिन डी में अधिक होते हैं.
मैग्नीशियम- मैग्नीशियम से भरपूर फूड्स खाने से ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद मिल सकती है और हार्मोन्स ट्रैक पर वापस आ सकते हैं. मैग्नीशियम की कमी से सिर दर्द, इनसोमनिया, बेचैनी, चिड़चिड़ापन और मांसपेशी में ऐंठन हो सकता है. पर्याप्त मैग्नीशियम की प्राप्ति को सुनिश्चित करने के लिए गहरी हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे कद्दू, सूरजमुखी के बीज, बादाम, काजू खाएं. ये मैग्नीशियम से भरपूर स्रोत होते हैं और हार्मोन लेवल को बनाए रखने के लिए फायदेमंद.
ओमेगा-3 फैट्स- फूड या सप्लीमेंट्स से प्राप्त ओमेगा-3 फैटी एसिड सेहतमंद शरीर को बनाए रखने में मदद कर सकता है. ये आवश्यक है क्योंकि उससे लंग्स, दिल, रक्त वाहिकाएं और इम्यून सिस्टम को व्यवस्थित रखने में मदद मिलती है. वास्तव में, ओमेगा-3 फैट्स डिप्रेशन और दूसरी मानसिक समस्याओं को दूर भी रखते हैं. ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के अच्छे स्रोत चिया बीज, सोया फूड्स, अलसी का तेल, अलसी हैं.
विटामिन बी कॉम्पलेक्स- नर्वस सिस्टम, पेट-आंत से संबंधित सिस्टम, कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के कामकाज के लिए विटामिन बी कॉम्पलेक्स आवश्यक है. उसकी कमी से आपके शरीर में हार्मोन का अंसुतलन हो सकता है, जिसके नतीजे में बेरीबेरी हो सकती है, जो दर्द और बाजू और पांव के फालिज की विशेषता है. शरीर में उसकी पर्याप्त मात्रा होने से संक्रमण को रोक सकता है और ऊर्जा लेवल को बढ़ाने, सेल का विकास, अच्छी रोशनी, स्वस्थ भूख और निर्वस सिस्टम के ठीक काम का समर्थन करता है. विटामिन बी दूध, पनीर, अंडा, गहरी हरी सब्जी जैसे पालक के साथ-साथ मीट जैसे चिकन और मछली में पाया जाता है.