Breast milk : प्रीमैच्योर बच्चों या वयस्कों में हार्ट फेलियर समेत दिल की अन्य बीमारियों का ज्यादा रिस्क रहता है.
Breast milk Benefits: डॉक्टर से लेकर दादी अम्मा तक मां के दूध के अनेक फायदे बताते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि यदि किसी प्रीमैच्योर बच्चे यानि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चे मां का दूध पीएं तो उनके दिल की हेल्थ और उनका विकास सामान्य बच्चों की तरह होता है.
दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, आयरलैंड की आरसीएसआई (RCSI) यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड हेल्थ साइंसेज की रिसर्च में समय से पहले जन्में (प्रीमैच्योर) 80 बच्चों पर की गई इस स्टडी में पाया गया कि जिन बच्चों की निर्भरता मां के दूध पर अधिक रही, उनके एक साल के होने पर हार्ट फंक्शन (दिल का कामकाज) पूरे समय पर जन्म लेने वाले सामान्य बच्चों जैसा था.
इस रिसर्च को आरसीएसआई में पीडियाट्रिक्स के प्रोफेसर अफिफ अल-खुफ्फाशी ने लीड किया और इस अध्ययन का निष्कर्ष जामा (JAMA) नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
प्रीमैच्योर बच्चों को खतरा
रिसर्च के मुताबिक समय से पहले जन्म लेने वाले (प्रीमैच्योर ) बच्चों या वयस्कों में हार्ट फेलियर समेत दिल की अन्य बीमारियों, हाई ब्लड प्रेशर जैसे रोगों का ज्यादा रिस्क रहता है और हार्ट से संबंधित बीमारियों की वजह से ही उनकी मौत की आशंका बनी रहती है.
शोधकर्ताओं का मानना है कि आमतौर पर देखा गया है कि समय पूर्व जन्म लेने वाले बच्चों में कुछ असमानताएं पाई जाती हैं, जिनमें वेंट्रिकल (निलय) कम आकार का होना, दिल का फूलना और सिकुड़ना कम होना और मांसपेशियों में अनुपातहीन वृद्धि शामिल है. इन विकृतियों की वजह से ऐसे बच्चों में दिल सामान्य बच्चों की तुलना में कम काम करता है और यह परेशानी किशोरावस्था तक बनी रहती है.
स्टडी में क्या निकला
इस स्टडी से यह पता चला है कि बच्चे के जन्म के बाद यदि एक महीने तक उसे सिर्फ मां का दूध दिया जाए, तो दिल का कामकाज बहुत हद तक सामान्य हो जाता है. यह भी पाया गया है कि समय पूर्व जन्म लेने वाले जिन बच्चों ने ज्यादा मात्रा में मां का दूध पिया, उनके दिल के दाएं और बाएं हिस्से का कामकाज तथा फेंफड़े के निचले हिस्से का दबाव काफी अच्छा रहता है और फार्मूला दूध पीने वाले बच्चों की तुलना में दिल की सेहत अच्छी होती है. यह स्थिति अस्पताल के छुट्टी होने से एक साल बाद तक देखी गई. शोधकर्ता अल-खुफ्फाशी का दावा है कि समय पूर्व जन्म लेने वाले बच्चों में शुरुआती पोषण और दिल पर उसके असर को लेकर यह पहला अध्ययन है.