विजयवाड़ा: पुलिसवालों (Cops) को अक्सर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के कुछ पुलिसकर्मियों की जमकर तारीफ हो रही है. इन पुलिसकर्मियों ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिसकी किसी को उम्मीद भी नहीं थी. दरअसल, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा (Vijayawada) के लोग खस्ताहाल सड़कों को लेकर बेहद परेशान हैं. उन्होंने कई बार संबंधित अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होगी. इसके बाद कुछ पुलिसकर्मी लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए आगे आए.
खस्ताहाल हो गईं थीं Roads
‘न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, विजयवाड़ा (Vijayawada) के नजवीड़ की कुछ सड़कों की हालत बेहद जर्जर हो चुकी थी. लोगों ने संबंधित विभाग से कई बार शिकायत की, आश्वासन मिला लेकिन कोई एक्शन नहीं हो सका. इसके बाद पुलिसवालों (Cops) ने फैसला किया कि वे ही अब सड़क की मरम्मत का जिम्मा उठाएंगे. उन्होंने आपस में एक बैठक कर रूपरेखा तैयार की और काम शुरू हो गया.
Cops ने इस तरह किया काम
स्थानीय थाना क्षेत्र के डीएसपी श्रीनिवासुलू (DSP B Srinivasulu) ने बताया कि संबंधित अधिकारियों और उनकी टीम ने अपने-अपने थाना क्षेत्र में सड़क के गड्ढों, दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान कर एक रिपोर्ट बनाई, जिसकी एक कॉपी कृष्णा जिले के एसपी सिद्धार्थ कौशल (SP Siddharth Kaushal) को भी भेजी गई. फिर खुद पैसे जुटाने के बाद पुलिसवालों ने किसी का इंतजार किए बिना सड़क की मरम्मत का जिम्मा संभाल लिया.
25 से ज्यादा स्थानों पर भरे Potholes
जब लोगों ने पुलिसवालों को सड़क की मरम्मत कराते देखा, तो वो खुद भी मदद के लिए आगे आ गए. डीएसपी श्रीनिवासुलू ने कहा कि लोगों की दिक्कतों को समझते हुए कुछ मजदूरों और वॉलंटियर की मदद से हम सड़क को बेहतर बनाने में सफल रहे. 25 से ज्यादा स्थानों पर गड्ढों को भरा गया, ताकि लोगों की यात्रा सुविधाजनक हो सके. पुलिसवालों का ये रूप देखकर स्थानीय रहवासी बेहद खुश हैं.
यहीं होते हैं 30% Accidents
रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिसकर्मियों ने Vijayawada- Nuzvid और Tiruvuru – Mylavaram सड़कों को दुरुस्त किया है. हर साल जिले की 30 प्रतिशत से ज्यादा दुर्घटनाएं और मौतें इन्हीं मार्गों पर होती हैं. स्थानीय लोगों ने कहा है कि उन्होंने कई बार आधिकारियों को सड़क की बुरी हालात के बारे में बताया, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद जब पुलिसकर्मियों को उनकी परेशानी का पता चला, तो खुद मदद को आगे आ गए. पुलिसकर्मियों का ऐसा रूप इससे पहले कभी नहीं देखा.