नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पर्सनल फाइनेंस को देखते हुए सितंबर का महीना जरूरी है, क्योंकि इस महीने पैसे से संबंधित पांच जरूरी काम पूरे करने होंगे। यदि आप इनमें से कुछ समय सीमा चूक जाते हैं, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है।
आधार-पैन लिंक करने की समय सीमा: पैन कार्ड को आधार से लिंक करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2021 है। समय सीमा समाप्त होने के बाद सभी पैन कार्ड जो आधार से लिंक नहीं हैं, निष्क्रिय हो जाएंगे। बैंक खाता खोलने और अन्य वित्तीय लेनदेन करने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है।
आधार-PF लिंकिंग अनिवार्य: सितंबर से नियोक्ता आपके भविष्य निधि (PF) खाते में अपना योगदान तभी जमा कर पाएंगे, जब आपका आधार आपके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) से जुड़ा होगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 की धारा 142 में बदलाव किया है, जिससे सेवाओं का लाभ उठाने वालों के लिए पेमेंट रिसीव आदि के वास्ते इस लिंकिंग को अनिवार्य कर दिया गया है।
पीएफ खाताधारक लाभ का फायदा तभी उठा पाएंगे जब उन्होंने अपने आधार को अपने यूएएन से जोड़ा होगा। इस लिंकिंग प्रक्रिया को पूरा किए बिना न तो कर्मचारी और न ही नियोक्ता का योगदान पीएफ खातों में जमा किया जा सकता है।
डीमैट खाते में केवाईसी पूरा करें: डीमैट खातों या ट्रेडिंग खातों वाले निवेशकों को डिपॉजिटरी की ओर से 30 सितंबर तक अपने ग्राहक को जानिए (KYC) डिटेल पूरा करने की सलाह दी गई है। ऐसा नहीं करे पर उनके खाते निष्क्रिय हो जाएंगे।
ऑटो डेबिट लेनदेन: अगले महीने (1 अक्टूबर 2021) से आपके बैंक खाते से ऑटो-डेबिट पेमेंट के लिए two factor authentication की जरूरत होगी। इसलिए यह जरूरी है कि आपने अपना मोबाइल नंबर बैंक के रिकॉर्ड में अपडेट किया हो। ऑटो-डेबिट मैंडेट आमतौर पर म्यूचुअल फंड SIP के लिए दिया जाता है। RBI ने 1 अक्टूबर से ऑथेंटिकेशन के अतिरिक्त फैक्टर को अनिवार्य कर दिया है। बैंक को आपके मोबाइल नंबर पर पेमेंट की तारीख से पांच दिन पहले और कम से कम 24 घंटे पहले आपको एक मैसेज भेजना जरूरी है।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ITR फाइलिंग: 30 सितंबर, 2021, वित्त वर्ष 2020-21 उन व्यक्तियों के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख है, जिनके खातों का ऑडिट करना जरूरी नहीं है। यह ध्यान रखें कि यदि समय सीमा समाप्त होने के बाद ITR दाखिल किया जाता है, तो आप 5,000 रुपये की देर से फाइलिंग शुल्क का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे। हालांकि, एक वित्तीय वर्ष में कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं होने पर लेट फाइलिंग शुल्क 1,000 रुपये से अधिक नहीं होगा।