जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद जम्मू कश्मीर में नौकरी कर रहे लद्दाख के करीब 12 हजार कर्मचारियों ने अपने गृह प्रदेश में सेवाएं देने की इच्छा जताई है। इसके अलावा लद्दाख में नौकरी कर रहे जम्मू कश्मीर के 467 कर्मचारी भी अपने प्रदेश में लौटने के लिए तैयार हैं। अगर अभिभावक अपने फैसले में अभी भी बदलाव चाहते हैं तो उनके पास पांच दिन का समय है।
पुनर्गठन के बाद सरकार ने जम्मू कश्मीर व लद्दाख के कर्मचारियों और अधिकाारियों को निर्देश दिए थे कि उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि वे किस प्रदेश में नौकरी करने के इच्छुक हैं। अब इस संबंध में सरकारी विभागों ने डाटा आगे की कार्रवाई के लिए सरकार को सौंप दिया है। इस समय जम्मू कश्मीर में तैनात 30 विभागों के 12033 कर्मचारी अपने गृह प्रदेश लद्दाख जाने के इच्छुक हैं। इनमें से सबसे अधिक 4712 कर्मचारी स्कूली शिक्षा विभाग के हैं। गृह विभाग के 1995 कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग के 1763 कर्मचारी, पशुपालन विभाग के 944 कर्मचारी, बिजली विभाग के 684, जल शक्ति विभाग के 453, खेल विभाग के 273, लोक निर्माण विभाग के 212, वित्त विभाग के 200, ग्रामीण विकास के 163 के साथ आवास एवं शहरी विकास विभाग के 127 कर्मचारी लद्दाख जाकर नौकरी करना चाहते हैं।
वहीं, लद्दाख में नौकरी कर रहे 467 सरकारी कर्मचारी अपने गृह प्रदेश जम्मू कश्मीर वापस आना चाहते हैं। इनमें सबसे अधिक 253 कर्मचारी शिक्षा विभाग से हैं। गृह विभाग के 90, स्वास्थ्य विभाग के 56 व बिजली विभाग के 15 कर्मचारी जम्मू कश्मीर आना चाहते हैं। लद्दाख में दस ऐसे विभाग हैं, जिनमें में एक भी कर्मचारी ने जम्मू कश्मीर में नौकरी करने की इच्छा नहीं जताई है। आगे की प्रक्रिया शुरू करने से पहले जम्मू कश्मीर सरकार नेे कर्मचारियों को फिर से सोचने का मौका दिया है। विभागों के आंकड़ों को प्रमाणित करने के लिए कहा गया है। अगर वे पहले किए गए अपने फैसले में कुछ बदलाव चाहते हैं तो उन्हें पांच दिन में अपने विभाग के प्रशासनिक सचिवों को जानकारी देनी होगी। इसके बाद दो दिन के अंदर प्रशासनिक सचिव आगे की कार्यवाही करेंगे। यह आदेश जम्मू कश्मीर सरकार के आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी की ओर से जारी किया गया। x