नए शोध के अनुसार, स्वस्थ उम्रदराज़ लोग जो लगातार दो सालों से हर दिन मुट्ठी भर अखरोट (लगभग 1/2 कप) खा रहे हैं, उनमें कम लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन या एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी देखी गई। रोजाना अखरोट खाने से एलडीएल कणों की संख्या भी कम हो जाती है, जो हृदय रोग के जोखिम का बड़ा कारण है।
अध्ययन के निष्कर्ष अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की प्रमुख पत्रिका ‘सर्कुलेशन’ में प्रकाशित हुए थे। अखरोट ओमेगा -3 फैटी एसिड (अल्फा-लिनोलेनिक एसिड) का एक समृद्ध स्रोत है, जिसका हृदय स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव देखा गया है।
अध्ययन के सह-लेखक एमिलियो रोस ने कहा, ” पहले के अध्ययनों में भी देखा गया है कि सामान्य रूप से नट्स और खासतौर से अखरोट खाने से हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम कुछ कम होता है। इसके पीछे वजह है कि यह एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, और अब हमारे पास एक और कारण है कि ये एलडीएल कणों की गुणवत्ता में सुधार भी करते हैं। एलडीएल कण कई आकार में आते हैं। रिसर्च में देखा गया है कि छोटे और घने एलडीएल कण आमतौर पर एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़े होते हैं, यह वसायुक्त जमाव धमनियों में जमा होता है।”
कैसे किया गया शोध
यह अध्ययन मई 2012 से मई 2016 तक आयोजित किया गया था। इसमें 708 प्रतिभागी शामिल थे, जिनकी उम्र 63 और 79 के बीच थी और इनमें 68 प्रतिशत महिलाएं थीं। यह सभी प्रतिभागी बार्सिलोना, स्पेन और लोमा लिंडा, कैलिफ़ोर्निया में रहने वाले स्वस्थ, स्वतंत्र वयस्क थे।
प्रतिभागियों को बेतरतीब ढंग से दो समूहों में विभाजित किया गया था: सक्रिय हस्तक्षेप और नियंत्रण। हस्तक्षेप समूह में शामिल लोगों को अपनी रोज़ की डाइट में लगभग आधा कप अखरोट लेना था, जबकि नियंत्रण समूह के प्रतिभागियों को अखरोट खाने से परहेज करना था।
दो साल बाद प्रतिभागियों का कोलेस्ट्रोल लेवल को जांचा गया और परमाणु चुंबकीय अनुनाद स्पेक्ट्रोस्कोपी द्वारा लिपोप्रोटीन की एकाग्रता और आकार का विश्लेषण किया गया था। यह उन्नत परीक्षण चिकित्सकों को हृदय रोग के जोखिम से संबंधित लिपोप्रोटीन विशेषताओं की अधिक सटीक पहचान करने में सक्षम बनाता है।
दो साल के अध्ययन के बाद पूर्ण लिपोप्रोटीन विश्लेषण उपलब्ध हुआ। जिसमें ये बातें सामने आईं:
– 2 साल के बाद प्रतिभागियों का जो समुह, अखरोट खा रहा था उनमें एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता दिखा, औसतन 4.3 मिलीग्राम/डीएल, और कुल कोलेस्ट्रॉल 8.5 मिलीग्राम/डीएल के औसत से कम।
– अखरोट के दैनिक सेवन से कुल एलडीएल कणों की संख्या 4.3 प्रतिशत और छोटे एलडीएल कणों की संख्या 6.1 प्रतिशत कम हो गई। एलडीएल कण एकाग्रता और संरचना में ये परिवर्तन हृदय रोग के कम जोखिम से जुड़े हैं।
कई लोग इस बात चिंतित थे कि रोज़ाना अखरोट खाने से उनका वज़न तेज़ी से बढ़ सकता है। हालांकि, शोध में यह बात साफ हुई कि अखरोट में स्वस्थ वसा पाई जाती है, जिससे प्रतिभागी मोटापे के शिकार नहीं हुए।
इस विषय में और रिसर्च की ज़रूरत है ताकि यह साफ हो सके कि पुरुषों और महिलाओं में अखरोट खाने के क्या अलग-अलग लडीएल परिणाम सामने आते हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, अखरोट विशेष रूप से ओमेगा -3 फैटी एसिड में उच्च होते हैं, वही हृदय-स्वस्थ वसा जो तैलीय मछली में पाया जाता है।