राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 54वीं वाहिनी के जवानों ने बंगाल के नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के तीन सफेद मोर को तस्करों के चंगुल से बचाया है। हालांकि तस्कर बीएसएफ के जवानों को देखकर मौके से भाग निकले। बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि इन मोरों को तस्कर बल की सीमा चौकी मटियारी के सीमावर्ती क्षेत्र से होकर बांग्लादेश से भारत में तस्करी के लिए ला रहे थे।
एक खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए जवानों ने तस्करों की इस योजना को विफल कर दिया। बीएसएफ ने तस्करों के चंगुल से बचाए गए मोरों को वन विभाग रानाघाट को सौंप दिया है। बीएसएफ ने बयान में कहा है कि मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है और इस लिहाज से ये हमारे देश का गौरव है। बीएसएफ सीमा पर होने वाली दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों की तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है।
100 बोतल फेंसिडिल और गांजा के साथ एक तस्कर गिरफ्तार
बीएसएफ ने उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तस्करी के प्रयासों को विफल करते हुए एक तस्कर को दो किलोग्राम गांजा और 100 बोतल प्रतिबंधित फेंसिडिल कफ सिरप के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जब्त सामग्री की अनुमानित कीमत 32,665 रुपये है। तस्कर सीमा चौकी भिटारी,112 बटालियन के क्षेत्र से भारत से बांग्लादेश में इसकी तस्करी करने का प्रयास कर रहा था।तस्कर की पहचान रफीक गाजी (21), ग्राम- पोलता, थाना स्वरूपनगर, जिला उत्तर 24 परगना के रूप में हुई है।
प्रारंभिक पूछताछ में पकड़े गए तस्कर ने बताया कि वह पेशे से मजदूर का काम करता है लेकिन पिछले कुछ समय से वह छोटी-छोटी तस्करी में लिप्त है। स्वरूपनगर निवासी महाबूर सरदार नाम के एक व्यक्ति ने उसे 100 बोतल फेंसिडिल और दो किलोग्राम गांजा बार्डर तारबंदी के ऊपर से बांग्लादेश की तरफ फेंकने के लिए दिया था। आगे उसने खुलासा किया कि सफल डिलीवरी के लिए उसे महाबूर सरदार द्वारा 2,000 रुपये मिलते, लेकिन रास्ते में ही उसे सामान के साथ बीएसएफ ने पकड़ लिया।पकड़े गए तस्कर व जब्त सामान को थाना स्वरूपनगर को अग्रिम कानूनी कार्यवाही हेतु सौंप दिया गया है।