बड़ी संख्या में भारतीय एंटरप्रेन्योर स्विट्जरलैंड के स्टार्टअप इकोसिस्टम का लाभ उठाने और वहां अपना नया एंटरप्राइजेज शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं.
नई दिल्ली. बड़ी संख्या में भारतीय एंटरप्रेन्योर स्विट्जरलैंड (Switzerland) के स्टार्टअप इकोसिस्टम का फायदा उठाने और वहां अपना नया एंटरप्राइजेज शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं यह पर्वतीय देश खुद को स्टार्टअप (Startup) के लिए पंसदीदा लोकेशन के रूप में पेश कर रहा है. इसके लिए स्विट्जरलैंड ने ग्लोबल लेवल पर कई प्रतिस्पर्धी कदम उठाए हैं.
स्विट्जरलैंड सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार यूरोपीय देशों के निर्णय लेने वाले शीर्ष बॉडी फेडरल काउंसिल (Federal Council) ने आर्थिक मामलों, शिक्षा और अनुसंधान विभाग (EAER) को स्विट्जरलैंड के स्टार्टअप इकोसिस्टम की समीक्षा करने को कहा था. इस समीक्षा से यह तथ्य सामने आया कि स्विट्जरलैंड का इकोसिस्टम अच्छी स्थिति में है, हालांकि कई क्षेत्रों में सुधार की गुंजाइश है. इनमें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, अंतरराष्ट्रीयकरण, स्किल्ड लेबर और फाइनेंसिंग तक पहुंच आदि शामिल हैं.
फेडरल काउंसिल ने अब ईएईआर और एफडीजेपी (FDJP) को इन क्षेत्रों में और उपायों की समीक्षा को कहा है. इनके निष्कर्ष को जून, 2022 में पेश किया जा सकता है. स्विट्जरलैंड सरकार ने कहा है कि देश की इनोवेशन की ताकत में स्टार्टअप कंपनियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रहती है. सरकार ने कहा है कि स्टार्टअप कंपनियों ने इनोवेशन की क्षमता के दोहन में उल्लेखनीय योगदान दिया है.
भारत ऐसे एंटरप्रेन्योर का प्रमुख केंद्र बन रहा है जो स्टार्टअप मार्ग के जरिए आगे बढ़ना चाहते हैं इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे में स्विट्जरलैंड उन भारतीयों के लिए एक प्रमुख लोकेशन हो सकता है, जो वैश्विक वित्तीय केंद्र में अपना नया एंटरप्राइजेज लगाना चाहते हैं. कई निवेश बैंकरों और इंटरनेशनल लॉ फर्म ने कहा है कि उनसे भारत के कई एंटरप्रेन्योर ने स्टार्टअप लोकेशन के रूप में स्विट्जरलैंड की क्षमता पता लगाने को कहा है.