वाशिंगटन, प्रेट्र। भारतीय अमेरिकी प्रमिला जयपाल समेत महिला कांग्रेस सदस्यों के समूह ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में 11 सितंबर के बाद के आतंकी हमले के हालत के संबंध में एक प्रस्ताव को पेश किया है। इसमें अमेरिका में सिखों, मुसलमानों, पश्चिम एशिया और दक्षिण एशियाई समुदाय के लोगों के खिलाफ नफरत और नस्ली हिंसा बढ़ने का उल्लेख किया गया है।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की सदस्य प्रमिला जयपाल, इल्हान ओमर, राशिदा तालिब और जूडी चू जैसी महिला सांसदों ने एक प्रस्ताव में कहा है कि सरकार की ओर से लोगों को उनके धर्म, संप्रदाय, राष्ट्रीय मूल और आव्रजन स्थिति के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है। इसके अलावा, प्रस्ताव में अंतर-एजेंसी टास्क फोर्स को समुदाय आधारित संगठनों के हाथ में सरकारों के कामकाज की समीक्षा का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही इसकी जांच और दस्तावेजों के प्रभाव और नीतियों को खंडित करने के जरिये भी समुदायों को निशाना बनाया जाता है।
बड़े पैमाने पर सामुदायिक संगठनों को बढ़ावा देते हुए प्रस्ताव में अरब, मुसलमानों, सिखों, पश्चिम एशिया और दक्षिण एशियाई समुदायों के खिलाफ 9/11 के आतंकी हमले के बाद अधिक भेदभाव, निगरानी और अपराधीकरण की नीतियां बनने लगीं। इसके नतीजे में उनसे गलत तरीके से पूछताछ होने लगी, प्रत्यर्पण, गिरफ्तारी और उत्पीड़न होने लगे।
महिला कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि सीमा सुरक्षा अधिकारियों और सरकारी प्रशासन की ओर से भी संवैधानिक अधिकारों का मखौल उड़ाया जाता और छापों व पड़तालों में उनके मानवाधिकारों का हनन किया जाता। उन्होंने कहा कि वह ऐसे तौर-तरीकों की निंदा करती हैं और सरकार की इन गलत परंपराओं को बदलकर संगठन, भाषा, यात्रा और धार्मिक रुझानों के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव का विरोध करती हैं।
वहीं, दूसरी ओर अमेरिका में 20 साल हुए सदी के सबसे भयानक आतंकी हमले की बरसी पर राष्ट्रपति जो बाइडन ने समस्त देशवासियों से एकता बनाए रखने की अपील की है। बाइडन ने कहा कि हमले के बाद देशवासियों ने जैसी एकता दिखाई थी, उसी भावना के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है।