भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। बारिश कम होने के बाद प्रदेश में प्रवाहित होने वाली 7 नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। इसमें से ब्राह्मणी एवं जलका नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है जबकि महानदी के जलस्तर में इजाफा होने से आलीपिंगल में देवी नदी, सुन्दरगड़ में इब नदी, जेनापुर एवं पानपोष में ब्राह्मणी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालांकि इसके बावजूद जल संसाधन विभाग के इंजीनियर धीरेन सामल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा है कि प्रदेश में बाढ़ का खतरा नहीं है। उन्होंने कहा है कि पिछले 24 घंटे के दौरान बारिश नहीं हुई है, ऐसे में बाढ़ का खतरा नहीं है।
इंजीनियर धीरेन सामल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा है कि कुछ नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर प्रवाहित जरूर हो रहा है मगर बारिश बंद हो जाने से जल स्तर नीचे की तरफ खिसकने लगा है। निचले इलाकों में जल जमाव की स्थिति देखी जा रही है। पानी निकासी की जगह ना होने से कुछ इलाके जलमग्न हैं। राज्य में किसी भी स्थान पर नदी का बांध टूटने जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है।
यहां उल्लेखनीय है कि जेनापुर में ब्राह्मणी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से आखुआपदा में जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर प्रभावित हो रहा है। यहां पर खतरे का निशान 17.83 मीटर है जबकि नदी 18.34 मीटर पर प्रवाहित हो रही है। वही मथानी में जलका नदी खतरे के निशान के ऊपर प्रवाहित हो रही है। मथानी में जलका नदी का खतरे का निशान 5.50 मीटर है जबकि नदी 6.41 मीटर पर प्रवाहित हो रही है। हालांकि काशीनगर में वंशधारा नदी का जलस्तर घट रहा है। वहीं दूसरी तरफ ऊपरी हिस्से में बारिश होने से हीराकुद जल भंडार का 6 फाटक खोल दिया गया है। बाएं तरफ के चार फाटक एवं दाहिने तरफ के दो फाटक खोले गए हैं। प्रत्येक सेकंड में डैम के अंदर 2 लाख 10 हजार घनफुट जल प्रवेश कर रहा है। जल भंडार में वर्तमान समय में 627 फुट जल है जबकि जल भंडार की जल धारण क्षमता 630 फुट है।