नई दिल्ली, पीटीआइ। Amazon ने सोमवार को कहा कि अनुचित कामकाज से जुड़े आरोपों को वह बहुत गंभीरता से लेती है और उचित कार्रवाई के लिए उसकी पूरी जांच-पड़ताल करती है। कंपनी की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा था कि कंपनी भारतीय अधिकारियों को कथित तौर पर रिश्वत देने को लेकर भारत में मौजूद अपने कुछ लीगल रिप्रजेंटेटिव्स के खिलाफ जांच कर रही है।
Amazon ने इन आरोपों को ना ही खारिज किया है और ना ही कंफर्म किया है। कंपनी ने कहा कि भ्रष्टाचार को कंपनी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती है।
‘The Morning Context’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक Amazon ने कथित तौर पर भारत सरकार के कुछ अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में अपने कुछ लीगल रिप्रजेंटेटिव्स के खिलाफ जांच शुरू की है। कंपनी के सीनियर कॉरपोरेट काउंसल के इस मामले में कथित तौर पर छुट्टी पर भेज दिया गया है।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर Amazon के एक प्रवक्ता ने कहा, ”भ्रष्टाचार को हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते हैं। हम अनुचित कामकाज से जुड़े आरोपों को गंभीरता से लेते हैं। उनकी पूरी जांच करने के बाद उचित कार्रवाई करते हैं। हम किसी खास आरोप या जांच की स्थिति को लेकर यह टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।”
इस घटनाक्रम से अवगत एक व्यक्ति ने बताया कि अमेरिका स्थित Amazon जैसी कंपनियां व्हिसलब्लोअर की शिकायतों को गंभीरता से लेती हैं, खासकर बिजनेस हासिल करने के लिए दूसरे देशों के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने से जुड़ी शिकायतों को।
ये घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आए हैं, जब Amazon प्रतिस्पर्धा कानूनों के कथित उल्लंघन को लेकर जांच का सामना कर रही है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) कीमतों के निर्धारण में मनमानी और सेलर्स को तरजीह दिए जाने को लेकर यह जांच कर रही है।
इसके अलावा कंपनी की Future Group के साथ भी कानूनी लड़ाई चल रही है। Amazon फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के बीच 24,713 करोड़ रुपये की डील का विरोध कर रही है।